विश्व जनसंख्या दिवस पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चक्की में परिवार नियोजन पखवाड़ा का शुभारम्भ
परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है : डॉक्टर अंजनी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
गुरुवार को चक्की प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विश्व जनसंख्या दिवस एवं परिवार नियोजन मेला एवं पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अंजनी कुमार ने किया। कार्यक्रम में एम ओ डॉक्टर रवि शंकर श्रीवास्तव, बीसीएम/बीएचएम परिवार नियोजन परामर्शदाता, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर, आशा एवं पिरामल टीम की उपस्थिति रहे।








जागरुकता से ही परिवार नियोजन होगा सफल :
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ अंजनी कुमार ने कहा की बिहार में परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता है कि उनके कब और कितने बच्चे हों। परिवार नियोजन के कई लाभ हैं, जिनमें माता और बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी में कमी और बेहतर शिक्षित आबादी शामिल है। गर्भनिरोधक का उपयोग महिलाओं के लिए विशेष रूप से युवा, कम बच्चों वाली महिलाओं, और लड़कियों में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है। यह स्वास्थ्य के अलावा कई अन्य लाभ प्रदान करता है जिसमें उच्च शिक्षा के अवसर, महिलाओं का सशक्तिकरण, सतत जनसंख्या वृद्धि, व्यक्तियों और समुदाय के लिए आर्थिक विकास इत्यादि शामिल है। पहला गर्भधारण 20 वर्ष की उम्र मे तथा दो बच्चों मे 3 साल का अंतराल होने से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है एवं गर्भनिरोधक के उपयोग से मातृ मृत्यु की संख्या में लगभग 20% से 30% की कमी हो सकती है।



वही उन्होंने कहा की सरकार द्वारा राज्य में विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2024 एवं परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का (11 जुलाई से 31 जुलाई तक) आयोजन किया जा रहा है जिसका उदेश्य “गर्भावस्था के स्वस्थ समय और अंतराल” को बढ़ावा देना है | गर्भावस्था का स्वास्थ्य समय और अंतराल (HTSP) परिवार नियोजन का एक दृष्टिकोण है जो महिलाओं और परिवारों को गर्भधारण मे देरी, अंतराल या सीमित कर महिलाओं, नवजात शिशुओं, और बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है।
एचटीएसपी के मुख्य संदेश:
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20 साल की उम्र के बाद पहला गर्भधारण
• 2 बच्चों के बीच कम से कम 3 वर्ष का अंतर, और
• गर्भपात के बाद कम से कम 6 महीने का अंतराल है
इस वर्ष पूरे राज्य मे विश्व जनसंख्या दिवस के अंतर्गत लोगों मे HTSP (Healthy Timing and Spacing of Pregnancy ) को लेकर जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी समुदाय तक पहुंचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा यथा काँपर-टी, गर्भनिरोधक-सुई (MPA), महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी तथा अन्य अस्थायी गर्भनिरोधक साधन जैसे – गर्भनिरोधक गोली (माल-एन , छाया) और कंडोम की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अगर आंकड़ों को देखें तो बिहार में प्रजनन उम्र (15-49 वर्ष ) की विवाहित महिलाओं के बीच आधुनिक गर्भनिरोधक का प्रचलन (MCPR) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है 2015-16 में 23.3% से बढ़कर 2019-20 में 44.4% हो गया है)| इन सभी प्रयासों से बिहार सरकार का यह लक्ष्य है की वर्ष 2030 तक MCPR को 65% तक पहुँचाना है |
विश्व जनसंख्या दिवस पर की गई गतिविधियां :
* परिवार नियोजन सामग्री की प्रदर्शनी लगाई गई
* परिवार नियोजन जागरूकता के लिए प्रभात फेरी का आयोजन किया गया
* परिवार नियोजन सामग्री का वितरण
विश्व जनसंख्या दिवस एवं परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम में, बीसीएम निभा कुमारी, परिवार नियोजन परामर्शदाता संदीप कुमार, जीएनएम ,एएनएम, आशा फैसिलिटेटर,आशा ICDS से राहुल कुमार एवं पिरामल टीम के DPHO सिद्धार्थ गौतम एवं गांधी फेलो मोहम्मद रिजवान एवं चक्की के ग्रामीण ऊपस्थित रहे।

