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नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले 15 शिक्षक बर्खास्त, डीईओ ने दिए कानूनी कार्रवाई के निर्देश

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिले में शिक्षक बहाली प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले 15 शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। बक्सर जिले में कार्यरत इन शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार पांडेय ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही विभाग ने इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

 

उत्तर प्रदेश के हैं अधिकतर आरोपी शिक्षक
जिन 15 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनमें से 14 शिक्षक उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इन अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से बिहार सरकार की आरक्षण नीति का लाभ उठाया और झूठे दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति पा ली थी। यही नहीं, कई शिक्षकों ने सीटेट (CTET) परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित न्यूनतम 60% अंकों को भी प्राप्त नहीं किया था, फिर भी उन्होंने खुद को पात्र दर्शाया।

इन स्कूलों में थे पदस्थापित शिक्षक

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बर्खास्त किए गए शिक्षकों के नाम और स्कूल निम्नलिखित हैं:

1. नाजिश अंजुम – उर्दू मध्य विद्यालय, चौगाईं
2. नफीस अहमद – उर्दू मध्य विद्यालय, परसिया चक्की
3. राजनंदिनी कुमारी – प्राथमिक विद्यालय, कपूरपुर, ब्रह्मपुर
4. मो. सद्दाब अंसारी – मध्य विद्यालय, बेलाव, नावानगर
5. रिंकी कुमारी – प्राथमिक विद्यालय, फिरंगी यादव डेरा, ब्रह्मपुर
6. तमन्ना बानो – उत्क्रमित उच्च विद्यालय, परमानपुर, नावानगर
7. नसरीन – उर्दू मध्य विद्यालय, ब्रह्मपुर
8. मंजू कुमारी – उत्क्रमित हाई स्कूल, पवनी, चौसा
9. सना प्रवीन – प्राथमिक विद्यालय, योगिया, ब्रह्मपुर
10. रेणु कुमारी – प्राथमिक विद्यालय, नेयाजीपुर, नावानगर
11. प्रीति पटेल – प्राथमिक विद्यालय, हरिपुर
12. शबनम आरा – उर्दू प्राथमिक विद्यालय, चौसा
13. शदमन फातमा – मध्य विद्यालय, बगही, ब्रह्मपुर
14. मसूरी रेनावेन – मध्य विद्यालय, चपटही महादेवन, राजपुर (इन्हें इंटरमीडिएट में उर्दू विषय न होने के कारण चयनमुक्त किया गया है)

उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हुई कार्रवाई

डीईओ द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि यह कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्रांक 1341 दिनांक 15 मई 2024 और उप निदेशक के पत्रांक 1507 दिनांक 15 जुलाई 2024 के निर्देशानुसार की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य से बाहर के अभ्यर्थी बिहार के आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते। शिक्षा विभाग ने सभी संदिग्ध शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की थी, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर डीईओ ने इनका चयन रद्द कर बर्खास्त करने का निर्णय लिया।

फर्जीवाड़ा करने वालों में मचा हड़कंप

इन शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद से जिले में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर बहाल अन्य शिक्षकों में भी हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि आगे भी जांच जारी रहेगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ नौकरी समाप्त करने के साथ-साथ एफआईआर और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जनता और विभागीय हलकों में सराहना

शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए इस कार्रवाई को जरूरी कदम माना जा रहा है। जनता, शिक्षक संघ और शिक्षा विभाग के भीतर भी इस कड़े निर्णय की सराहना की जा रही है।

 

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