राजा येशु का सिंहासन क्रूस है और उस राजा का राज पथ, प्रेम, क्षमा, करूणा, शान्ति और भाइचारा है : जेम्स शेखर
शान्ति के राजा, प्रभु येसु मसीह के पदचिन्हों पर चलकर वसुधैव कुटुम्बकम बनाने का जिम्मेदार व्यक्ति ही येसु के अनुयायी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के नया बाजार स्थित कैथोलिक चर्च परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आध्यात्मिक साधना कार्यक्रम के तीसरे दिन रविवार को समापन कार्यक्रम के दौरान चर्च के सदस्यों द्वारा प्रभु येसु-राज राजेश्वर का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें कई श्रद्धालुओं ने बडी भक्ति से भाग लिया। प्रभु येसु को सचमच राजा के रूप में, श्रीस्तीप विश्वासियों के द्वारा गीत, बाइविल पाठ, नारा एवं प्रवचन के द्वारा पोषित किया गया।











प्रभु येसु वास्तव में शान्ति के राजा है, प्रेम के राजा है और क्षमादान के राजा हैं। प्रवचन में फादर देवसी ने श्रद्धालुओं को येसु के प्रेम का पाठ पढ़ाया। अपने जीवन को ही क्रूस पर बलिदान देकर प्रभु येसु ने सर्वोत्तम प्रेम का उदाहरण दिया है। मिस्सा बलिदान को सम्पन्न कराते हुए बक्सर धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष श्रद्धेय जेम्स शेखर ने कहा, राजा पेसु का सिंहासन कृस है, और उस राजा का राज पथ, प्रेम, क्षमा, करूणा, शान्ति और भाइचारा है। मिस्सा बलिदान के अन्त में, सभी श्रद्धालुओं को पवित्र तेल मलते हुए नवीनीकरण एवं आध्यात्मिक समर्पण का विलेपन किया गया।
तत्पश्चात, शान्ति यात्रा चर्च की परिक्रमा करते हुए शान्तिपूर्ण तरीके से सम्पन्न किया गया। चच्चे और बड़े, पुरुष और महिला, सभी लोग, गीत गाते हुए, नारा लगाते हुए, समाज के उत्थान की, विश्व शान्ति की, रोगियों की चंगाई की, अत्याचार मुक्त समाज की प्रार्थना करते हुए, झण्डा लहराते हुए, पवित्र यूखरिस्त-जो प्रभु येसु का शरीर है, उसे लेकर सबों की आशीष दी गई। शान्ति यात्रा के अन्त में, प्रभु येतु के जन्म के 2025 वर्ष की जुबिली की तैयारी के झण्डे को फहराकर, प्रार्थना करते हुए, धर्माध्यक्ष जेम्स शेखर ने वसुधैव कुटुम्बकम के निर्माण में हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
प्रवचन का संचालन डिवाइन आश्रम, हजारीबाग के सदस्यों के द्वारा, विशेष रूप से, फादर देवसी, फादर सेबास्टिन, सिस्टर रेशिम, राज किशोरी एवं प्रफुल्लित द्वारा किया गया। वही कार्यक्रम में फादर अनिल क्रूस (कैथोलिक चर्च, नई बाजार, बक्सर के प्रभार पुरोहित) के अलावा फादर भास्कर, फादर चार्ली, फादर मुकेश, फादर लुई, फादर प्रताप, सिस्टर स्मिता, सिस्टर जसिन्ता, स्नेहा, संध्या, सविता, अनुरंजन, इन्दु, पंकज, चन्देश्वर, जयपाल, काशीनाथ, राजू, अभिषेक, अमृत, अंजली एवं अन्य मौजूद रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाई।

