मां का दूध शिशु के लिए अमृत समान होता है, जिससे शिशु का संपूर्ण विकास होता है : प्रिंस कुमार
एक से सात अगस्त तक जिले में मनाया जा रहा है स्तनपान सप्ताह




न्यूज विजन । बक्सर
मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सदर प्रखंड में स्तनपान सप्ताह अंतर्गत सभी एएनएम का प्रशिक्षण शिविर आयोजित की गई। एक अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है।

मौजूद एएनएम को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार ने कहा कि माँ का दूध शिशु के लिये अमृत समान होता है। माँ के दूध में आवश्यक पोषक तत्व, खनिज, विटामिन, प्रोटीन, वसा, एंटीबॉडी और ऐसे प्रतिरोधक कारक मौजूद होते हैं, जो नवजात शिशु के सम्पूर्ण विकास और स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। शिशु के जन्म के छह माह बाद तक माँ का दूध ही बच्चे के लिए संपूर्ण आहार की सभी ज़रूरतें पूरी करता है। स्तनपान माँ और शिशु दोनों के लिए लाभदायक होता है।








उन्होंने कहा कि विटामिन ए और एंटीबॉडी युक्त कोलोस्ट्रम, नवजात शिशुओं की जरूरतों के लिए अनुकूल रूप से विकास में मदद करता है। माँ के दूध में मौजूद प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम आदि तत्व शिशु के शारीरिक विकास में मदद करते हैं। माँ के दूध में उच्च प्रोटीन और रोग प्रतिकारक मौजूद होते हैं जो शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। स्तनपान से प्रोबियोटिक मिलते हैं, जो शिशु के पाचन तंत्र में इंफेक्शन दूर करते हैं तथा बच्चे का पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और पेट संबंधी परेशानियां होने की आशंका कम होती है। वही लांगचेन पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो शिशु के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माँ का दूध, शत प्रतिशत सुरक्षित है, इसलिए स्तनपान करने वाले बच्चों में एलर्जी की संभावना कम होती है, जबकि अन्य प्रकार के दूध से एलर्जी होने की आशंका हो सकती है। स्तनपान से शिशु के शरीर में प्रोटीन और विटामिन की कमी नहीं होती है तथा माँ के दूध में मौजूद कैल्शियम शिशु के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं। माँ का दूध, शिशु के पाचन क्रिया के अनुरूप निर्मित होता है और माँ के दूध में मौजूद पोषक तत्व सुपाच्य होते हैं, जिसे शिशु आसानी से पचा लेता है। माँ के दूध में डीएचए होता है, जिससे आगे चलकर बच्चे की दृष्टि भी तेज होती है। माँ के दूध में सभी पोषक तत्व होते हैं, जो शिशु के सम्पूर्ण विकास के लिए आवश्यक होते हैं। माँ का दूध, बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार माना जाता है। स्तनपान, सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम के खतरे को कम करने में मदद करता है।
वहीं उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने वाली माँ को पोषक तत्वों से युक्त संतुलित आहार अवश्य करना चाहिए। स्तनपान कराने वाली माँ को अपने खाने का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस वक्त वह जो भी खाती है उसका असर उसके बच्चे पर पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ है, जो विशेष रूप से दूध उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करते हैं, इस तरह के खाद्य पदार्थ, गैलेकटगाग के रूप में जाने जाते हैं।
स्तनपान सप्ताह में गर्भवती महिला, धात्री महिला एवं उनके परिवार के साथ बैठक कर स्तनपान के महत्व और 6 माह तक केवल स्तनपान हेतु उत्तप्रेरित करेंगे। प्रशिक्षण शिविर में प्रखंड प्रसार प्रशिक्षक, बी एम सी यूनिसेफ, डब्लूएचओ मॉनिटर के अलावा सभी एएनएम उपस्थिति रही।

