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आईसीएआर का पूर्वी अनुसंधान पंचवर्षीय समिति द्वारा संचालित जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अंतर्गत किया गया प्रक्षेत्र भ्रमण

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

आईसीएआर का पूर्वी अनुसंधान परिसर की समीक्षात्मक पंच वार्षिक समिति द्वारा मंगलवार को  कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया गया। समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर एस. के चक्रवर्ती, पूर्व कुलपति, उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय कूच बिहार, सदस्य डॉ. ए. के. पात्रा, पूर्व निदेशक, आईसीएआर भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल, सदस्य डॉ. एस. रायजादा, पूर्व सहायक महानिदेशक (मत्स्य) आईसीएआर नई दिल्ली, सदस्य सचिव एवं विभाध्याक्ष्य डॉ. कमल शर्मा तथा विभाध्याक्ष्य सह नोडल अधिकारी, डॉ. उज्ज्वल कुमार द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र बक्सर द्वारा संचालित जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत चयनित विभिन्न गावों का प्रक्षेत्र भ्रमण किया गया।

 

 

सर्वप्रथम ग्राम दलसागर किसान जितेन्द्र कुशवाहा के खेत पर प्रदर्षित तकनीकी रेज्ड बेड संकर मक्का के साथ धनिया, सहेन्द्र कुमार के प्रक्षेत्र पर जीरो टिलेज गेहूं (एच0डी0 2967), उषा देवी के प्रक्षेत्र पर चना एवं मटर, बिहारी सिंह के रेज्ड बेड अरहर प्रक्षेत्र का भ्रमण किया एवं किसानों के अनुभव को साझा करते हुए तकनीकी सुझाव दिये। हरिकिशनपुर मे अम्बर नाथ पांडेय, कल्लू राम, चूनमून राम, अजय कुमार पांडेय, सरोज पांडेय, आदि के प्रक्षेत्र में जीरो टिलेज तकनीक से गेहूँ की बुआई का भ्रमण कर सुझाव भी दिया गया। किसानों ने पराली प्रबंधन के लिए स्ट्रॉ बेलर ंद्वारा धान के पुआल को बंडल बनाने, खेतों को लेजर लैण्ड लेवलर से समतल करने, तथा कृषि विज्ञान द्वारा प्रशिक्षण के लिए विभिन्न संस्थानों मे भेजने के पहल की सराहना की।

निरीक्षण के दौरान बेहतरी के लिए वैज्ञानिक सुझाव एवं तकनीकी का मार्गदर्शन दिया गया

कृषि विज्ञान केंद्र मे भ्रमण के दौरान उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी वैज्ञानिकों के साथ समेकित कृषि प्रणाली मॉडल, सब्जी पौधशाला, प्राकृतिक खेती, बीज उत्पादन, कम लागत वाली नर्सरी उत्पादन इकाई, सोलर पंप द्वारा सिंचाई, कृषि यंत्र साला, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत 10 फसल प्रणाली की लंबी अवधि शोध सह प्रदर्शन प्रक्षेत्र, दलहन बीज उत्पादन एवं प्रसंस्करण इकाई, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, बायोचार, आदि इकाईयों का निरीक्षण करते हुए बेहतरी के लिए वैज्ञानिक सुझाव एवं तकनीकी का मार्गदर्शन दिया गया।

बैटरी चालित स्प्रेयर मशीन व पौधे का किया गया वितरण 

समिति का स्वागत करते हुए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ. देवकरन ने कृषि विज्ञान केन्द्र, की विगत 05 वर्ष की प्रगति बताते हुए उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उपस्थित किसानों द्वारा सीधे संवाद के माध्यम से खेती की चुनौतियां एवं उनके समाधान पर वार्ता की गई। साथ ही अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत महदह ग्राम की महिला कृषक पार्वती देवी को बैटरी चालित स्प्रेयर मशीन दिया गया। उपस्थित दलसागर ग्राम के किसान जितेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, पुरुषोत्तम यादव, गीतेष कुशवाहा एवं शैलेन्द्र कुमार को खीरा वर्गीय सब्जी नर्सरी पौधे वितरित किया गया।

 

मृदा मे जैविक कार्बन को बढ़ाने के लिए गोबर की खाद एवं फसल अवषेष को खेत मे मिलाना, हरी खाद को बढ़ाने पर दिया गया बल

समिति द्वारा मृदा मे जैविक कार्बन को बढ़ाने के लिए गोबर की खाद एवं फसल अवषेष को खेत मे मिलाना, हरी खाद को बढ़ाना, उद्यमशिलता को बढ़ाने पर बल देते हुए उत्पादनों के मूल्य संर्वधन कर अधिक लाभ अर्जित करने का सुझाव दिया। साथ ही केवीके की पहूँच बढाने के लिए किसानों के बीच एफपीओ गठन द्वारा महिलाओं सषक्तिकरण पर जोर दिया। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट को ब्राडिंग के माध्यम से मार्केटिंग करने का सुझाव दिया। साथ ही बक्सर मे उपलब्ध जल संपदा को समुचित उपयोग करने के लिए मत्स्य पालन, बायोफ्लॉक, एक्वाकल्चर, आदि आधुनिक तकनीकी का प्रसार पर बल दिया गया।  कृषि विज्ञान केन्द्र, के वैज्ञानिक हरगोविंद, रामकेवल ने किसानों के प्रक्षेत्र पर भ्रमण कराने मे सहयोग किया।

 

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