चार सूत्री मांगों को लेकर 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे न्यायलय कर्मी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों की एक आपातकालीन बैठक व्यवहार न्यायालय के प्रांगण में हुई। जिसमें राज्य सरकार और पटना उच्च न्यायालय द्वारा उनकी चार सूत्री मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए सर्वसम्मति से 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इससे न्यायालयों में अत्यावश्यक न्यायिक कार्य जैसे जमानत आवेदनों की सुनवाई से लेकर रिमांड व रिहाई की प्रक्रिया ठप होने की संभावना है।







बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अखौरी राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य भर के अदालतों के कर्मचारी पटना उच्च न्यायालय की उनकी मांगों पर उदासीनता और राज्य सरकार की हठधर्मिता के कारण हड़ताल पर जाने को विवश हो गए हैं। श्री सिन्हा ने बताया कि पूर्व में एक जुलाई 2024 को घोषित हड़ताल का कार्यक्रम पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन के बाद टाल दिया गया था। उनकी चार सूत्री मांगों यथा स्नातक योग्यता के मुताबिक स्नातक वेतनमान, अनुकम्पा नियुक्ति, कालबद्ध प्रोन्नति एवं सेवा शर्त नियमावली में संशोधन पर कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से अदालतों के कर्मचारियों ने अपने अन्याय के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय से लेकर बिहार सरकार का दरवाजा खटखटाया है लेकिन दुर्भाग्य है कि न्याय के मंदिर में सेवा देने वाले कर्मचारियों को दशकों से स्नातक स्तर का वेतनमान व प्रोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की कालबद्ध प्रोन्नति और विशेष राज्य न्यायिक कर्मचारी व अधिकारी कैडर का निर्माण आदि में कोई कार्रवाई नहीं कि गयी है।
इस अवसर पर अजय कुमार, रजनीकांत मिश्र, संतोष द्विवेदी, दीपक विश्वकर्मा, ओमप्रकाश, दिग्विजय पांडेय, सुनील गडेरी, रोहित चक्रवर्ती, श्वेता सिन्हा, चित्रा, आशा सहित कई कर्मचारियों ने बैनर पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया।


