मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है : नवीन कुमार
प्रेस/मीडिया की आजादी पर हमले के खिलाफ 9-15 अक्टूबर तक भाकपा-माले का राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान के तहत निकाला जुलुस




न्यूज़ विज़न । बक्सर
डुमरांव में भाकपा-माले ने देशव्यापी साप्ताहिक विरोध अभियान के तहत प्रेस मीडिया की आजादी पर हमले के खिलाफ जुलूस निकाल किया प्रतिवाद सभा का आयोजन। जिसका नेतृत्व माले के जिला सचिव कामरेड नवीन कुमार, अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष अलख नारायण चौधरी, खेग्रामस के जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान, डुमरांव पार्टी सचिव सुकर राम,माले नेता वीरेंद्र सिंह, नीरज सिंह ने संयुक्त रूप से किया।








जुलूस डुमरांव बाजार से आरम्भ होकर शहीद पार्क होते थाना के समक्ष पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। जहां संबोधित करते हुए जिला सचिव नवीन कुमार ने कहा कि विगत 3 अक्टूबर को मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित उससे जुड़े कई प्रतिष्ठित पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापा मारा तथा संस्थान के संस्थापक प्रवीर पुरकायस्था, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती; पत्रकार उर्मिलेश, चौगाई की बेटी भाषा सिंह, अभिसार शर्मा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। बाकि लोगों को तो पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ दिया गया लेकिन प्रवीर पुरकायस्था और अमित चक्रवर्ती को जेल भेज दिया गया।
यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है। पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है। उन्होंने कहा की मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है। 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी।



नविन कुमार ने कहा की मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है। मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है। बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है। इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल खोलने की संभावना अब भी मौजूद है। सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है। वही अन्य वक्ताओं ने इस तरह के निर्लज्ज हमले के खिलाफ पूरे देश में प्रेस की आजादी की पुनर्बहाली की मांग की।

