उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ लोक आस्था का महापर्व चैती छठ हुआ सम्पन्न




न्यूज़ विज़न। बक्सर
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ संपन्न हो गया। सोमवार की सुबह में व्रति महिलाओं पुरुषों ने गंगा घाटों के साथ गांव में नदी तालाब के अलावा अपने घर के छतों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। अर्घ्य के बाद व्रतियों ने हवन करने के बाद गंगा में दीप दान किया और अदरक गुड़ खाकर पारण किया। इसके बाद घर में अरवा चावल का भात, कढ़ी, चने की दाल, सब्जी, बजका आदि ग्रहण किया।











नगर के रामरेखा घाट, नाथ बाबा घाट, सती घाट समेत अन्य घाटों पर छठ व्रत के अनुष्ठान चल रहे थे छठी मईया के गीत बज रहे थे। कई जगह महिलाएं छठ की गीत भी गा रही थीं। खासतौर से कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…, केरवा जे फरे ला घवद से ओह पर सुगा मेड़राय…, कोपी कोपी बोल ले सुरूज देव सुन हो सेवक लोग…, हे दीनानाथ दर्शन दीहीं ना अपन… आदि गीत लोक आस्था को और मजबूत बना रहे थे। वही रामरेखा घाट पर प्रशासन द्वारा कैंप लगाया गया था। जहाँ प्रशासनिक अधिकारी के अलावा स्वास्थ्य विभाग को टीम मौजूद रही। उधर गंगा में भी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी वोट से गश्त लगा रहे थे।

