सदर अस्पताल में कायाकल्प के तहत राज्यस्तरीय टीम ने दो दिनों तक किया जांच
जांच रिर्पोट में औसत 70 अंक व पॉजीटीव रिर्पोट आने के बाद सेंट्रल की टीम करेगी जांच




न्यूज विजन । बक्सर
जिला अंतर्गत सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार और बदलाव को लेकर राज्य स्तरीय टीम बुधवार को दोे दिवसीय जांच पूरा कर वापस चली गई। इन दो दिनों में जांच के दौरान निर्धारित मापदंडों के आधार पर सदर अस्पताल के हर वार्ड को बारीकी से जांच की गई। वहीं कार्यक्रम के तहत स्वच्छता के क्षेत्र में हुए कार्यों का टीम ने अस्पताल परिसर व विभिन्न वार्डों का जांच कर जायजा लिया गया। अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मरीजों को देने के लिए लगातार प्रयास जारी है। टीम ने निर्धारित सभी 8 बिंदुओं पर विस्तृत रूप से जांच की। जिसके बाद रिर्पोट तैयार कर लिया है जो विभाग को साैंप देगी।
इसके पूर्व टीम ने 22 अगस्त को जांच किया था। जिसमें जिला को टीम ने 100 मे 82 स्कोर दिया था। राज्य स्तरीय टीम ने उस प्राप्त स्कोर के आधार पर सदर अस्पताल का बुधवार को दूसरे दिन विशेष तौर पर जांच किया। वहीं मंगलवार को ही पहुंच अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं की जांच की। बारीकी से जांच पूरी करने के उपरांत टीम बुधवार को वापस चली गई। जिसके रिर्पोटिंग एवं स्कोर निर्धारित होने के बाद यदि पॉजीटिव रिर्पोट आता है तो सेंट्रल की टीम जांच करने के लिए सदर अस्पताल पहुंचेगी। जिसका रिर्पोट तैयार कर विभाग को सौंपेगी। जिले में सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई कार्य कराये गये है। लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी संस्थानों की ओर बढ़े इसको लेेकर अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। स्वच्छता के साथ बेहतर सुविधा की जांच दो सदस्यीय टीम के सदस्यों राज्य स्वास्थ्य समिति आशा सेल की अधिकारी अंजु लता एवं पीरामल फाउंडेशन के अधिकारी संजीव दौलत राव ने सभी आठ बिंदुओ पर दो दिनों तक जांच किया।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत हॉस्पीटल अपकीप, वास्ट मैनेजमेंट, एलबेयोंड हॉस्पीटल बाउंड्री, सैनिटेशन एंड हाईजीन, इंफेक्शन कंट्रोल, इको फ्रेंडली फिसिलिटी, सर्पोट सर्विसेज, हाईजेनिक प्रोमोशन के बिंदुओं पर मार्किंग किया जाएगा। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने बताया कि इस जांच में यदि औसत 70 प्रतिशत अंक प्राप्त होता है तो राज्य की टीम जांच करेगी। टीम अपना जांच रिर्पोट विभाग को सौंपेगी। निर्धारित औसत अंक प्राप्त होने के बाद सेंट्रल की टीम आकर व्यवस्था की जांच करेगी। जिसमें सफल होने के बाद सदर अस्पताल की इलाज व्यवस्था में काफी विकास होगा। इलाज व जांच की बेहतर व्यवस्था को लेकर अस्पताल को अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी।









