RELIGION

संत का दिया हुआ प्रसाद सामान्य नहीं होता है, आदरपूर्वक ग्रहण करना चाहिए : गंगापुत्र 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

सदर प्रखंड के हनुमत धाम मंदिर कमरपुर में विश्व विख्यात संत नारायण दास भक्तमाली मामा जी महाराज की 16वें पुण्य स्मृति समारोह के दूसरे दिन श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराते हुए गंगापुत्र लक्ष्मी नारायण त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा प्रसंग सुनाया। जिसको सुनकर भक्त भावविभोर हो गए। इससे पूर्व सुबह से ही रामचरितमानस की सामूहिक अखंड पाठ व भक्तमाल सस्वर गायन का कार्यक्रम चला। दोपहर में कथा के दौरान महाराज ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि संसार के लोग पुत्र नहीं होने पर दुखित हो जाते हैं, उन्हें दुखी न होकर श्री राम कृष्ण से अथवा श्री कृष्ण से अपना संबंध जोड़ लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पत्नी को सभी भेद नहीं बताना चाहिए और भाई से कोई भेद नहीं छुपाना चाहिए। संत का दिया हुआ प्रसाद सामान्य नहीं होता है। आदरपूर्वक ग्रहण करना चाहिए। संत का अपमान नहीं करना चाहिए। सनातन संस्कृति में सोलह संस्कारों को मान्यता दी गई है। स्त्रियों को अपने पुत्र का नाम नहीं रखना चाहिए। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न गांवों से भक्त उपस्थित रहे।

 

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