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विद्या भारती में आचार्य व दीदी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करते हैं : वीरेन्द्र सिंह 

सरस्वती विद्या मंदिर, बालिका खंड, सिविल लाइंस का हुआ दो दिवसीय वार्षिक निरीक्षण 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

समय समय पर देशभर में विद्या भारती विद्यालयों का वर्ष में एक बार गहन निरीक्षण किया जाता है। इसी तत्वाधान में क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम व दक्षिण बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा के मार्गदर्शन व निर्देशानुसार प्रांत के लगभग 200 विद्या भारती विद्यालयों में अभिनव प्रयोग करते हुए यह दायित्व शिक्षा व समाज से जुड़े करीब 500 विशेषज्ञों व अधिकारियों के सहयोग से इस वर्ष पूरे प्रांत में  28 व 29 नवंबर को एक साथ निरीक्षण करते हुए बारीकी से जाँच की गयी।

 

 

इसी क्रम में  शहर के सरस्वती विद्या मंदिर, बालिका खंड, सिविल लाइंस में  28 व 29 नवंबर,  को प्रांत द्वारा गठित निरीक्षण टोली के द्वारा विद्यालय का बहु आयामी निरीक्षण कार्य संपन्न किया गया। इसमें विद्यालय के अरुण ( प्ले), वाटिका, शिशु मंदिर व विद्या मंदिर के सभी कक्षाओं में विभिन्न आचार्य दीदी जी के अध्यापन कौशल, कक्षा और विद्यालय की साज – सज्जा , अनुशासन, विद्यालय व्यवस्था, कार्यालय का लेखा – जोखा आदि समेत कई अन्य बिंदुओं का गहन निरीक्षण किया गया। प्रांत द्वारा गठित इस निरीक्षण टोली में महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के रसायन शास्त्र के व्याख्याता डॉ. भरत चौबे, विद्या भारती के पूर्व प्रधानाचार्य व संकुल संयोजक वीरेन्द्र सिंह, समाज सेवी व शिक्षाविद राजेश प्रताप सिंह व डुमरी इंटर स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य जगदीश ओझा आदि शामिल थे। निरीक्षण कार्य की शुरुवात वंदना सत्र के साथ शुरू हुई जिसमें  विद्यालय के आभा मंडल व वातावरण को अत्यंत दिव्य बताया।

निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने छात्र – छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे मूर्तिकार एक बेडौल पत्थर तराश कर देवमूर्ति का रूप देता है, वही कार्य विद्या भारती में आचार्य – दीदी जी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए करते हैं। निरीक्षण टोली ने शिशु भारती, बाल भारती, कन्या भारती, विद्यालय के पूर्व छात्राओं व अभिभावकों के साथ अलग – अलग बैठक भी की तथा विद्यालय विकास हेतु विचारों का आदान – प्रदान भी किया। निरीक्षण कार्य के बाद देर शाम तक चले समीक्षा बैठक में निरीक्षकों ने आचार्य दीदी जी अध्यापन कौशल को सराहनीय व संतोषप्रद बताया तथा ओझा ने अपने सुझाव में विषयों के क्रमबधता पर जोर दिया।

 

पाठ्य योजना को थोड़ा स्पष्ट और विस्तार से लिखे जाने  तथा टीएलएम के और बेहतर और निरंतर प्रयोग करने का दिया सुझाव    

 

वहीं वीरेन्द्र सिंह ने पाठ्य योजना को थोड़ा स्पष्ट और विस्तार से लिखे जाने  तथा टीएलएम के और बेहतर और निरंतर प्रयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने बच्चों में विकसित की जाती राष्ट्रीय प्रेम व दाइत्व की भी सराहना कि। प्रधानाचार्य बिमल कुमार पांडेय ने निरीक्षण टोली को उनके मार्ग दर्शन व सुझाव के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया तथा विश्वास दिलाया की आचार्य दीदी जी की टोली अपने परिश्रम , संकल्प व उत्साह के साथ विद्यालय के शिक्षण कार्य को एक नई ऊंचाई देंगे।

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