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राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग 1727 वादों का हुआ निष्पादन 

वादों के निपटारा के लिए बने थे कुल पंद्रह बेंच, दो करोड़ 96 लाख 57 हजार 02 सौ 84 रुपए की रिकवरी कर मुकदमों का सुलह कराया गया

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष 2023 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद नंदन सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम दीपक भटनागर समेत उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी एवं अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, देवेश कुमार और एडीएम प्रमोद कुमार एवं अन्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

 

 

उद्घाटन के पश्चात् सम्बोधित करते हुए जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सबसे सही रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे। मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम, दीपक भटनागर ने कहा कि देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है। इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है। मंच संचालन कर रहे देवेश कुमार अवर न्यायाधिश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं।  वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन भी उन्होंने दिया। उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है।  दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है, और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।


राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 608 व आपराधिक 143 वाद, यातायात अधिनियम के 569 जिसमे 2,18,700/-  रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 336 मामले का निपटारा कराया गया। जिसमे 58,400/- रुपए समेत अन्य वादों का निष्पादन में इस दौरान कुल दो करोड़ 96 लाख 57 हजार 02 सौ 84 रुपए की रिकवरी कर समझौता राशि के मुकदमों का सुलह कराया गया।

मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विजेंद्र कुमार, मनोज कुमार द्वितीय, प्रभाकर दत्त मिश्रा, मनकामेश्वर चौबे, प्रेम चंद्र वर्मा, देवराज, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सुनील कुमार सिंह, रामचंद्र प्रसाद, अवर न्यायाधीश, कमलेश सिंह देव, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, सुभम त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, गौरव कुमार सिंह, प्रतीक मिश्रा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, आदि पैनल अधिवक्ता , जितेंद्र कुमार सिन्हा, धर्मेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार, संजय कुमार राय, रामानंद मिश्रा, सुरेश प्रसाद, चंद्रकला वर्मा, रवि रंजन सिन्हा, अशोक कुमार पाठक, रंजन कुमार सिंह, आनंद रंजना, रवि प्रकाश, रानी कुमारी, आशुतोष कुमार ओझा, नीलम कुमारी, बृजेश कुमार त्रिपाठी, आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, वरीय लिपिक संजय कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मनन कुमार सिंह, गजेंद्र नाथ दुबे, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, राहुल मिश्रा, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

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