मानसून की दागेबाजी से सूखे की ओर बढ़ रहा जिला, प्रशासन बना मूक दर्शक
अनिल त्रिवेदी व अरुण मोहन भारवि ने सोन नहर में पानी छोड़ने, राजबाहो में सिंचाई हेतु जलापूर्ति सुनिश्चित करने, डीजल अनुदान का वितरण शुरू करने, बिजली की निर्बाध आपूर्ति करने की जिला प्रशासन से किया मांग




न्यूज विजन | बक्सर
मानसून की दगाबाजी और सरकार प्रशासन की गैर जिम्मेवारी से पीड़ित त्रस्त जिले के किसानों को आंखें सावन में भादो की तरह बरस रही है। जबकि बिजली की आंख मिचौली, सरकारी नलकूपों का बीमार होना, नहरों और राजबाहो में धूल उड़ना और खेतों में पानी के अभाव में दरारे फटने से किसानों को कलेजे मुंह में आ गए हैं। आमजन गर्मी से त्रस्त और पसीने से पस्त हैं। उक्त उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष सह किसान अनिल कुमार त्रिवेदी और प्रोफ़ेसर अरुण मोहन भारवि ने कही।
इन द्वय साहित्यकारों ने कहा कि बक्सर जिला धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन पानी के अभाव में यहां एक चौथाई भी धान की रोपनी नहीं हो पाई है। सरकारी महकमा भी अपने दायित्वों के प्रति सुस्त और मूकदर्शक बना हुआ है। जिसे देखकर किसानों के छाती पर सांप लोट रहा है। डीजल की महंगाई, बिजली की लुकाछिपी किसानों को तड़पने छटपटाने पर राम भरोसे छोड़ रखा है। धान की रोपनी का स्वर्णिम समय खत्म होते जा रहा है। और शासन-प्रशासन मानसून की दगाबाजी का मूक गवाह बना हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वही सूखे से निपटने के लिए कमर कसते हुए सोन नहर में पानी छोड़ने और राजबाहो में सिंचाई हेतु जलापूर्ति सुनिश्चित करने, डीजल अनुदान का वितरण शुरू करने, बिजली की निर्बाध आपूर्ति करने की मांग जिला प्रशासन से किया है।

