RELIGION

बांग्लादेश के चटगांव से आफ्गानिस्तान के काबुल तक जीटी रोड को सम्राट अशोक ने बनवाया जिसकी 16वीं सदी में मरम्मत शेरशाह सूरी ने करवाई : ऋतुराज मौर्या

धम्म विजय महोत्सव के तीसरे दिन मौर्य समाज के तीसरे सम्राट अशोक का सम्मान दिवस मनाया गया

न्यूज़ विज़न। बक्सर
धम्मविजय महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को विराट नगर, बुद्ध मार्ग में युवा सम्राट ऋतुराज मौर्य के संयोजन में प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान का सम्मान दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित ऋतुराज ने कहा कि सम्राट अशोक महान मौर्य साम्राज्य के तीसरे और सबसे प्रतापी सम्राट हुए भारत के महानतम सम्राट का जन्म 304 ईसा पूर्व में हुआ था और 269 ईसा पूर्व उनका राज्याभिषेक हुआ। ईरान से लेकर वर्मा (वर्तमान में म्यांमार) तक अशोक का शासन था। सारनाथ में अशोक के द्वारा बनवाए हुए लाट से चार मुखों वाले सिंह स्तंभ को भारत सरकार ने अशोक स्तंभ के नाम से अपना राजकीय चिन्ह घोषित किया। भारत सरकार ने सदैव अशोक की नीतियों का अनुसरण किया है, जैसे भारत सरकार का अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश, अशोक द्वारा अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेज कर धम्म नीति के तहत संबंधों को प्रगाढ़ करने से प्रेरित है। पहली बार पशुओं और पक्षियों के लिए अस्पताल बनवाना तथा पूरे भारत में पशु वध और बलि प्रथा को प्रतिबंधित करने जैसा महान कार्य अशोक ने किया। वर्तमान में जीटी रोड जो दक्षिण एशिया का सबसे पुराना है और लंबे मार्गो में से एक है जो बांग्लादेश के चटगांव से शुरू होकर लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए काबुल (अफगानिस्तान) तक जाता है, इसे सम्राट अशोक ने बनवाया था। जिसकी मरम्मत बाद में 16वीं सदी में शेरशाह सूरी द्वारा की गई। मानव कल्याण के लिए अशोक महान ने सड़कों के किनारे पेड़ लगवाए तथा कुएं खुदवाए। सम्राट ने जनता के बीच शांति, अहिंसा और धम्म के सिद्धांतों को फैलाया।

भंते आनंद कहा कि इतिहास में सम्राट अशोक का स्थान देव तुल्य है जिसकी वजह से उनको देवनामप्रिय प्रियदर्शी कहा जाता है अर्थात वो देवों के प्रिय सम्राट है। सामाजिक सौहार्द, धार्मिक सहिष्णुता, लोगों के बीच अनुशासन और शांति व्यवस्था को बनाए रखना यह सब सम्राट अशोक के शासन के मुख्य लक्षण है। गनेश सिंह ने कहा कि अशोक की नीतियों का हम लोगों का अनुसरण करना चाहिए। जीवन में शांति और अहिंसा को अपनाना चाहिए। इस कार्यक्रम में भंते संघरत्न, राज सिंह, सागर सम्राट मौर्य, गोरख यादव, आयुष मौर्य, जदूराई कुशवाहा, सुबोध कुमार, रंजीत कुशवाहा समेत अनेको लोग उपस्थित रहे।

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