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“प्रभु श्रीराम एवं बक्सर का इतिहास” विषय पर एमवी कॉलेज में संगोष्ठी आयोजित 

अपने आचरण को प्रभु श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है : डॉ बालमुकुंद पांडेय 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

मंगलवार को महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के मानस सभागार में “प्रभु श्रीराम एवं बक्सर का इतिहास” विषय पर एक एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी कुलपती वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय  आरा, विशिष्ट अतिथि डुमराँव महाराज चन्द्रविजय सिंह, मुख्य वक्ता डॉ० बालमुकुन्द पाण्डेय, संगठन सचिव अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली तथा बीज वक्ता डॉ. अखिलेष कुमार दूबे, प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय थे। कार्यकम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. सुबाष चन्द्र पाठक ने किया जबकि स्वागत भाषण डॉ० भरत कुमार एवं मंच संचालन डॉ० पंकज कुमार चौधरी द्वारा किया गया।

 

कार्यकम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई। वही संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ० अखिलेश कुमार दूबे ने कहा कि महाविद्यालय में एक योग कक्ष का निर्माण कराया जाय, जिसकी सारी खर्च राशि मेरे द्वारा दी जाएगी। यह मेरे द्वारा महाविद्यालय को पूर्ववर्ती छात्र के द्वारा दी गई एक अनुपम भेंट होगी, क्योंकि मैंने इस महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है। साथ ही मुख्य वक्ता डॉ. बालमुकुन्द पाण्डेय ने संगोष्ठी के मुख्य विषय पर बोलते हुए कहा कि हर मनुष्य को को हम एवं शो हम का ध्यान रखते हुए अपने आचरण को प्रभु श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है। अबतक हमने पिटाई एवं लड़ाई का इतिहास जाना और पढ़ा है, लेकिन अब हमें अपने इतिहास को जानना होगा। इतिहास का बहुत व्यापक क्षेत्र है उसे भी हमें जानना होगा। जिसने अपने मूल इतिहास को नहीं पढ़ा उसने इतिहास को जाना ही नहीं।

 

कार्यकम में डॉ० यशवंत कुमार, डॉ० पंकज कुमार चौधरी, डॉ० छाया चौबे, डॉ० रवि प्रभात, डॉ० योगर्षि राजपूत, डॉ० श्वेत प्रकाश, डॉ० सुजीत कुमार यादव, डॉ राजेश कुमार, डॉ० नवीन शंकर पाठक, डॉ० प्रियरंजन चौबे, श्री चिन्मय प्रकाश झा, शैलेन्द्र नाथ पाठक,  दयाशंकर तिवारी, शिवम भारद्वाज, राजीव रंजन कुमार, टुनटुन मिश्रा इत्यादि के साथ अन्य सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी एवं छात्र/छात्राएं मौजूद रहें। कार्यकम की समाप्ति राष्ट्रगान से की गई।

 

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