आज मेरा मनुष्य रूप में जन्म लेना सार्थक हो गया : डॉ रामनाथ ओझा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
लगभग 500 वर्षों बाद अयोध्या में पुनः जन्म स्थान पर प्रभु श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा हो गया। इसी कड़ी में जिले के विश्व हिन्दू परिषद् के विभिन्न पदों पर रह चुके डॉ रामनाथ ओझा ने सोमवार को बातचीत के दौरान कहा की आज मेरा मनुष्य रूप में जन्म लेना सार्थक हो गया ।











उन्होंने अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के बारे में बताया की आज से लगभग छत्तीस वर्ष पूर्व जब विश्व हिंदू परिषद के नेता माननीय अशोक सिंघल ने मुझे दिल्ली बुलाया और श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में आन्दोलन से जोड़ा l तब से विभिन्न कार्यक्रमों में प्रमुख दायित्व निभाते हुए मैं निरन्तर सक्रियता पूर्वक कर्म पथ पर आगे बढ़ता चला गया l डॉ रामनाथ ओझा ने राम जन्मभूमि पर 6 दिसंबर 1992 को किस तरह स्थापित किया गया था जिक्र करते हुए कहा की उस वक्त मुझे विश्व हिन्दू परिषद् के केंद्रीय मिडिया प्रभारी की जिम्मेवारी दी गयी थी। उस दिन जन्मभूमि के समीप मिडिल स्कूल के छत को मंच बनाया गया था . जिसपर बैठकर सभी विहिप के नेता भीड़ को कट्रोल करने में लगे थेl वही सभा को हमारे माननीय नेता अशोक सिंघल जी नेतृत्व कर रहे थे। मंच पर गिरिराज किशोर और साध्वी ऋतम्भरा समेत अनेको संत मौजूद थे। अयोध्या में देशभर से लाखों लाख की संख्या में कार सेवक इस भीषण ठंडी में जोश के साथ उमड़ पड़े थे इस तरह था की तीन से चार घंटे में विवादित ढांचा को विध्वंस कर पूर्व में जिस जगह रामलला की मूर्ति थी पुनः स्थापित कर दी गयी। आज जब अयोध्या में नव निर्मित भव्य विशाल मंदिर में श्रीराम लला की मूर्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा की तब लगा कि मेरा मानव जीवन सार्थक हो गया l मैं सभी देशवासियों को बधाई देते हुए सशक्त, समृद्ध और स्वाभिमान संपन्न भारत के लिए प्रभु से प्रार्थना करता हूं l
l जय सियाराम, भारत माता की जय l

