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पर्यावरण संरक्षण को लेकर फाउंडेशन स्कूल में ‘ग्रीन डे’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन
हरा रंग केवल रंग नहीं, यह जीवन का प्रतीक है, यह ताजगी, शांति, ऊर्जा और संतुलन का संदेश देता है : मनोज त्रिगुण




न्यूज़ विज़न। बक्सर
फाउंडेशन स्कूल लालगंज में मंगलवार को ‘ग्रीन डे’ के अवसर पर एक प्रेरणास्पद एवं जागरूकता से भरपूर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल बच्चों के रंगीन और रचनात्मक पक्ष को उजागर करने वाला था, बल्कि उन्होंने अपने मासूम शब्दों में पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर विषय को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि जयराम चौधरी, प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण, एस.के. दुबे अकादमिक एक्सीलेंस एवं वरिष्ठ शिक्षिकाओं अनुपमा पाठक, सोनी भारती, पूनम त्रिगुण, आयशा खातून, चंचल श्रीवास्तव, मिस साक्षी, मिस आकांक्षा, मिस दीक्षा, कल्याणी कुमारी, पूजा देवी, पूजा पांडे, कंचन देवी और संगीता सिंह ने संयुक्त रूप से संपन्न किया। इस पावन शुरुआत ने पूरे कार्यक्रम को एक आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा से भर दिय। ऑडिटोरियम को हरे रंग की सजावट, पौधों, फूलों और बच्चों की पर्यावरण आधारित कलाकृतियों से सजाया गया था।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण ने कहा कि हरा रंग केवल रंग नहीं, यह जीवन का प्रतीक है, यह ताजगी, शांति, ऊर्जा और संतुलन का संदेश देता है। आज के इस आयोजन में हमारे नन्हे बच्चों ने जो संदेश दिए, वे प्रत्येक व्यक्ति को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करते हैं। यदि हम अभी से बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता का बीजारोपण करें, तो आने वाला भविष्य निश्चित रूप से स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित होगा। स्कूल प्रशासन ने इस आयोजन की सफलता का श्रेय शिक्षिकाओं के अथक प्रयास, अभिभावकों के सहयोग और बच्चों की मासूम लेकिन प्रबल ऊर्जा को दिया। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि परिवर्तन की शुरुआत नन्हे हाथों से भी हो सकती है।
कक्षा नर्सरी से कक्षा 2 तक के विद्यार्थियों ने एक-एक कर मंच पर आकर वृक्षों के महत्व पर छोटे-छोटे वाक्य बोले। उनकी मधुर वाणी और स्पष्ट उच्चारण ने उपस्थित अतिथियों और अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने save tree save life “green color of peace और “पेड़ हैं तो हरियाली है” जैसे नारों के माध्यम से धरती को बचाने की अपील की। अंत में सभी बच्चे एक साथ मंच पर आकर जोश पूर्वक बोले – “पेड़ बचाओ, धरती बचाओ, हरियाली लाओ!” इस दौरान बच्चों ने हरियाली, शांति, संतुलन और स्वच्छता पर आधारित लघु कविताएं, नाटक और स्लोगन भी प्रस्तुत किए। उनका आत्मविश्वास और संप्रेषण शक्ति यह दर्शा रही थी कि कैसे शिक्षा के माध्यम से हम बच्चों में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी विकसित कर सकते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावकों, विशेष रूप से माताओं की उपस्थिति रही। वे अपने बच्चों की प्रस्तुतियों से भावविभोर हो गईं और बार-बार तालियों के माध्यम से उनका उत्साहवर्धन करती रहीं। कई अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को इस पहल के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आज के दौर में जब बच्चों का ध्यान स्क्रीन और मोबाइल की ओर अधिक होता जा रहा है, ऐसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें प्रकृति से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।


