महेश्वर को प्रथम गुरु एवं आदि गुरु कहा गया है : सतीश जी
चक्रहँसी खेल मैदान में भव्य शिव परिचर्चा का हुआ आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
रविवार को सदर प्रखंड के चक्रहँसी खेल मैदान में शिव गुरु महोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन में काफी संख्या में भाई-बहनों ने भाग लिया और सैकड़ों लोगों ने भगवान शिव को अपना गुरु बनाया।








इस आध्यात्मिक आयोजन में जिला शिव कार्य समिति के अध्यक्ष सतीश जी ने कहा कि महेश्वर को प्रथम गुरु एवं आदिगुरु कहा गया है। शिव का गुरु स्वरूप ग्रंथों में ‘वंदे विद्यातीर्थ महेश्वरम्’, ‘शम्भवे गुरुवे नमः’, ‘गुरूणां गुरवे नमः’ तथा ‘तुम त्रिभुवन गुरु वेद बखाना’ की पंक्तियों से प्रदीप्त है किंतु केवल वैचारिक तल पर ही। शिव के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का क्रियात्मक पक्ष दृष्टिगोचर है लेकिन उनके गुरु स्वरूप से यथार्थ में जुड़ाव की व्याप्ति नहीं है। इस कालखंड में पहली बार साहब श्री हरिंद्रानंद जी शिव के गुरु स्वरूप से जुड़ाव के लिए तीन सूत्र दिए हैं। जिसमें प्रथम सूत्र अपने गुरु शिव से दया की याचना करना है कि “हे शिव आप मेरे गुरु है। मैं आपका शिष्य हूं मुझे शिष्य पर दया कर दीजिए ” द्वितीय सूत्र दूसरों के साथ शिव गुरु की चर्चा करना और तृतीय सूत्र अपने गुरु शिव को प्रणाम करना है।
इस आयोजन में मुख्य रूप से कृष्ण कुमार यादव, श्री भगवान चौधरी, जितेंद्र कुमार, अशोक केसरी, राजेश गुप्ता, सोनू गुप्ता, मोतीलाल, शमशेर बहादुर सिंह, रमाशंकर चौधरी, नथुनी यादव, आशा देवी, गीत देवी, राम अवध चौधरी, चंदन कुमार, सूबेदार साहब, राजू प्रसाद, उमेश जी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।



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