चौदह सूत्री मांगों को लेकर आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष किया प्रदर्शन
20 मई को देश के 10 श्रम संगठन रहेंगे हड़ताल पर




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के निर्णय अनुसार सुबे बिहार में शनिवार को सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष प्रदर्शन का निर्णय पूर्व सुचना के अनुसार सैकड़ो आशा एवं आशा फैसिलिटेटर ने जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारे लगाए।








प्रदर्शन का नेतृत्व जिला संयोजक सह राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा, मीरा देवी, डेजी देवी ने संयुक्त रूप से किया। सभा को संबोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने कहां की 20 मई को भारत के 10 श्रम संगठनों ने एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। जिसमे बिहार एवं बक्सर के तमाम आशा एवं आशा फैसिलिटेटर शामिल होंगे और अपने अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में धरना प्रदर्शन करेंगी। आशाओं के लगातार प्रयास के चलते संस्थागत प्रसव जन्म मृत्यु दर, मातृ शिशु मृत्यु दर, टीकाकरण कार्य में काफी प्रगति हुई है। बावजूद सरकार पूर्व के समझौते को लागू नहीं कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए कार्यों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन, पटना उच्च न्यायालय बिहार सरकार, भारत सरकार तथा मानवाधिकार आयोग ने किया है। परंतु फिर भी सरकार के द्वारा ₹2500 मानदेय नहीं दिया जा रहा है। अगर सरकार मांगों की पूर्ति नहीं करती तो बाध्य होकर अगस्त 25 में अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने को बाध्य होगी जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।




स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार के द्वारा सदन के अंदर आशा के प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का एनएचएम के स्टेरिंग में निर्णय लिया जा चुका है। आशा को मजदूर का दर्जा देकर 26000 रुपया वैधानिक मजदूरी सहित अन्य सवाल को लेकर 20 मई को हड़ताल होगा। बिहार विधानसभा के चुनाव के दौरान हड़ताल में रहते हुए चलो गांव की ओर नारे के साथ बिहार के प्रत्येक प्रखंडों में सभा कर बिहार सरकार को बेनकाब किया जाएगा। अंत में 14 सूत्री मांगों की पूर्ति के लिए पत्र सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपा गया। सभा को किसान नेता परमहंस सिंह, हरे राम सिंह, मंजू देवी, कंचन कुमारी, नीतू देवी, संतोषी देवी, मुरैना देवी, शीला देवी, अनु देवी ने भी सम्बोधित किया।

