कोइरी समाज के हक़ के लिए 23 फ़रवरी को पटना गाँधी मैदान में होगा आक्रोश महारैली : नागमणि
नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय जनगणना सिर्फ खानापूर्ति कराया है, कोइरी समाज की 12 प्रतिशत है जनसंख्या जिसे साढ़े 4 प्रतिशत कर दिया गया




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना कराया वो सिर्फ खानापूर्ति है। इसमें किसी भी जाति की जनसंख्या सही नहीं है उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने रविवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहा। उन्होंने कहा कि जातीय गणना कहीं भी धरातल पर नहीं कराके कुछ खास पदाधिकारियों के मिलीभगत से मनमाने तरीके से कराया गया है। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि एक-एक आदमी जानता है कि हमारे कोइरी समाज की 12 प्रतिशत जनसंख्या है, जबकि इसे घटाकर साढ़े चार प्रतिशत कर दिया गया है। यहां तक की हमारा दांगी समाज की संख्या कम से कम 2 प्रतिशत है, उसे भी घटाकर आधा प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह से भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूत की जनसंख्या भी कम किया गया है।








नागमणि ने कहा कि बिहार सरकार ने जो नीति अपनाई है कि जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी दी जाएगी। ऐसे में हमारे समाज की संख्या कम दिखाकर नितीश कुमार ने कोइरी समाज की हत्या करने का काम किया है। जिसको लेकर आगामी 23 फरवरी 2025 को पटना गाँधी मैदान में कोइरी आक्रोश महारैली का आयोजन किया जा रहा है। इसको सफल बनाने के लिए बक्सर जिले के गांवों में 8 नवंबर तक बैठक करेंगे।




उन्होंने कुशवाहा समाज से आने वाले एनडीए सरकार के नेता के बारे में कहा कि एक-दो नेता घूम रहे हैं। वह सम्राट चौधरी हो या उपेंद्र कुशवाहा। अगर ये लोग कोइरी हैं तो कोइरी आक्रोश महारैली का समर्थन करे। ऐसा नहीं करने पर कोई भी कोईरी उन्हें वोट नहीं देगा। मौके पर अभिमन्यु सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि हमारी जाति को जाति गणना में कम दिखाया गया है। हमारे समाज को बांटने का भी काम किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि पूरे बिहार में घूम रहे हैं। कोईरी आक्रोश महारैली में बक्सर से बीस हजार लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराएंगे। और बिहार सरकार को मजबूर कर पुनः जनगणना कर अपनी हिस्सेदारी लेने का कार्य करेंगे।
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