दशहरे की रात महिला पर हमला, दुष्कर्म नहीं बल्कि रंजिश थी वजह! ₹20 हजार में दिया गया था सुपारी
72 घंटे में बक्सर पुलिस ने किया घटना का बड़ा खुलासा



न्यूज़ विज़न। बक्सर
दशहरे की रात हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात का पुलिस ने सिर्फ 72 घंटे में पर्दाफाश कर दिया है। औद्योगिक थाना क्षेत्र के एक गांव में घर में सो रही महिला पर हुए चाकू से हमले की गुत्थी को सुलझाते हुए बक्सर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के इस त्वरित एक्शन ने जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर जनता का भरोसा और मजबूत कर दिया है।








शुरुआती दौर में ऐसा लग रहा था कि यह हमला दुष्कर्म की नीयत से किया गया है, लेकिन जब पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी साक्ष्यों का सहारा लिया, तो जो सच्चाई सामने आई, उसने सबको चौंका दिया। दरअसल, यह वारदात घरेलू विवाद और पारिवारिक रंजिश का नतीजा थी। सदर एसडीपीओ गौरव पांडेय ने बताया कि जांच के क्रम में यह खुलासा हुआ कि पीड़िता का विवाद उसकी जेठानी से चलता था। इसी रंजिश के चलते जेठानी के पुत्र मोनू कुमार ने अपने साथी अर्जुन ठाकुर, पिता – राधेश्याम ठाकुर, निवासी – पतेलवा, थाना औद्योगिक को महिला पर हमला करने के लिए ₹20,000 देने का सौदा किया था।




दशहरे की रात जब पूरा गांव उत्सव में डूबा था, उसी दौरान अर्जुन ठाकुर मोनू के बताए अनुसार छत के रास्ते घर में घुस गया। घर में सो रही महिला पर उसने चाकू से बर्बर तरीके से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गया। महिला गंभीर रूप से घायल हुई, लेकिन पड़ोसियों की मदद से उसे समय पर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के बाद अब वह खतरे से बाहर है और घर लौट चुकी है। घटना के बाद औद्योगिक थानाध्यक्ष संजय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल लोकेशन और वैज्ञानिक जांच के माध्यम से आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने न सिर्फ वारदात में प्रयुक्त चाकू बरामद किया, बल्कि जिस दुकान से हथियार खरीदा गया था, उस दुकानदार का बयान भी दर्ज कर लिया गया है।
केवल 72 घंटे में इस खतरनाक वारदात का पर्दाफाश कर बक्सर पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता। स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस तेज कार्रवाई और पेशेवर जांच की जमकर तारीफ की है।
एसडीपीओ गौरव पांडेय ने कहा कि हमने मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी साक्ष्यों के जरिए सच्चाई तक पहुंचने की कोशिश की और सफल हुए। पीड़िता अब सुरक्षित है, और अपराधियों को उनके किए की सजा मिलेगी।

