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वर्ष के प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे एक हजार नौ सौ छतीस मामले

वादों के निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल तेरह बेंच, 1 करोड़ 25 लाख 64 हजार 06 सौ 77 रुपए की समझौता राशि के मुकदमों का सुलह के आधार पर निपटारा कराया गया

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मनोज कुमार, प्रथम प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब  न्यायालय,  अंशुल अग्रवाल, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य एवं उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी और नेहा दयाल, अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर मंच का संचालन नेहा त्रिपाठी, मुंसिफ द्वितीय ने किया l राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वाद के 1936 मामले का निपटारा किया गया।

 

इस दौरान अपने संबोधन में  प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे।  मौके पर उपस्थित अंशुल अग्रवाल, जिला पदाधिकारी -सह- उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं।  वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए।

 

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है।  दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है, और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।

राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 709 वाद का निष्पादन हुआl  जिसमे 9,47,04,818/- नौ करोड़ सैतालिस् लाख चार हजार आठ सौ अठ्ठारह रुपए के समझौता राशि पर हस्ताक्षर हुआl अन्य वाद जिसमे यातायात के कुल 619,  आपराधिक  135 वाद, विद्युत वाद के 299 मामले का निपटारा कराया गया।  विभिन्न बैंकों के रेकवेरी के 169 मामलों जिसमे हुए निष्पादन पर इस दौरान कुल 01 करोड़ 68 लाख 03 हजार पाँच सौ चौवन रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया गया।

मौके पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, विजेंद्र कुमार , संजीत कुमार सिंह, रघुबीर प्रसाद, कुमार नरुन, चंदन कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी एव अन्य पीठ में उपस्थित न्यायाधीश, पैनल अधिवक्ता , चंद्रकला वर्मा, कंचन कुमारी, , कुमारी  रिंकी, आरती राय, रवि रंजन सिंह, आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, प्रधान लिपिक संजय कुमार, राजीव कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, कवींद्र नाथ पाठक, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, गजेंद्र नाथ दुबे, ओम प्रकाश सिंह, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

 

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