OTHERS

लगातार पांच वर्ष तक साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने से कभी नहीं होता फाइलेरिया

फाइलेरिया से बचाव के लिए स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा, फाइलेरिया मुक्त समाज से सुरक्षित होगा हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। समाज के उत्थान और उन्नति के लिए फाइलेरिया मुक्त होना बहुत जरूरी है। फाइलेरिया मुक्त समाज से ही हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। भविष्य के समृद्ध युवा पौध को तैयार करने के लिए मौजूदा बच्चों की पीढ़ी को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाना होगा। यह समाज के शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी बेहद जरूरी है। मालूम हो कि देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी। एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का लगातार पांच साल इस्तेमाल और बीमारी से मुक्ति। इसके लिए हमें तत्पर रहना होगा। अपनी सहभागिता निभानी होगी। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझना है।

स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा :

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है। इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाएं लोगों तक उपलब्ध कराएंगे। 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवाएं नहीं दी जाएगी। फाइलेरिया से बचाव के साथ एमडीए दवाइयों से कई दूसरे लाभ भी हैं। उन्होंने बताया कि इस रोग के संक्रमण से बचाव के लिए यह दवा सभी लोगों को खिलाई जाती है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे समुदाय के सभी लोगों को फाइलेरिया के संक्रमण होने का खतरा बना रहता है, इसलिए यह जरूरी है कि सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवाइयों का सेवन करें।

दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है फाइलेरिया :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। उन्होंने बताया कि हाथी पांव, हाइड्रोसील, स्तन व हाथों में सूजन फाइलेरिया के संक्रमण से होने वाले दुष्प्रभाव हैं। इस तरह के व्यक्तियों को भी साल में एक बार ही भारत सरकार के गाइडलाइन के आधार पर फाइलेरिया रोधी दवाएं यथा अल्बेंडाजोल व डीईसी का सेवन करना पर्याप्त है। ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू कराएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button