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यूपीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेशन दिलाने के लिए हुए बेहतर कार्य: डॉ. संध्या

एक माह बाद राष्ट्रीय टीम करेगी अस्पताल का निरीक्षण, तब मिलेगा एनक्यूएएस सर्टिफिकेट

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

बक्सर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस/एनक्वास) असेसमेंट के लिए आयी राज्य स्तरीय टीम का तीन दिवसीय दौरा बुधवार को समाप्त हो गया। इस दौरान इंटरनल असेसमेंट के लिए आए टीम की सदस्य पटना एएनएम इंस्टीट्यूट की प्राचार्या डॉ. संध्या सिंह व पिरामल इंडिया के डॉ. समित कुमार सरकार ने सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा, डीपीएम मनीष कुमार व डीसीक्यूए रुचि कुमारी के साथ घंटों बैठक की। जिसमें उन्होंने यूपीएचसी को एनक्वास दिलाने की तैयारियों और उपलब्ध सेवाओं की काफी सराहना की। साथ ही, कुछ इंडिकेटर्स पर थोड़ा सुधार करने की बात कही।

 

प्राचार्या डॉ. संध्या सिंह ने बताया कि यूपीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेशन दिलाने के लिए चेकलिस्ट के अनुसार सारे इंडिकेटर्स पर बेहतर कार्य हुआ है। लेकिन कुछ इंडिकेटर्स पर थोड़ी बहुत कमियां हैं, जिसे एक माह के अंदर दूर कर लेना होगा। राज्य स्तरीय टीम की रिपोर्ट जमा करने के एक माह बाद राष्ट्रीय स्तरीय टीम अस्पताल के निरीक्षण को आएगी। जिनकी जांच के बाद ही यूपीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेट दिया जाएगा। एक बार सर्टिफिकेट मिलने के बाद बक्सर यूपीएचसी तीन साल तक के लिए सर्टिफाइड रहेगा। इस क्रम में विभाग की ओर से अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इनाम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

असेसमेंट के दौरान यूपीएचसी का प्रदर्शन अच्छा :

पीरामल इंडिया के डॉ. समित कुमार सरकार ने कहा कि तीन दिनों के असेसमेंट के दौरान यूपीएचसी का प्रदर्शन अच्छा रहा। जिसमें सुविधा प्रोत्साहन, निवारक और उपचारात्मक सेवाएं प्रदान करने, स्थानीय लोगों की जरूरत के अनुसार जांच गाइडलाइन्स के अनुसार सेवा देने, मरीजों के रजिस्ट्रेशन व परामर्श, किशोर प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य स्वास्थ्य सेवाएं, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ मानक सावधानियों का पालन करने के अलावा स्वास्थ्य गतिविधियों में लाभुकों को सामूहिक रूप से सेवाओं का लाभ देने में यूपीएचसी का प्रदर्शन बाकि इंडिकेटर्स की अपेक्षा काफी सराहनीय है। साथ ही, ओपीडी, मातृ स्वास्थ्य, नवजात व शिशु स्वास्थ्य, सम्पूर्ण टीकाकरण, परिवार नियोजन, संचारी व गैर संचारी रोगों, इमरजेंसी सेवा, फारमेसी, लैब व आउटरीच का कार्य भी प्रशंसनीय है। जो थोड़ी बहुत कमियां हैं उसे आसानी से दूर किया जा सकता है।

यूपीएचसी को मिलेगी प्रति वर्ष दो लाख रुपये की राशि :

सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि यदि बक्सर यूपीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेट मिल जाता है, तब यह जिले का पहला एनक्वास सर्टिफाइड अस्पताल बन जाएगा। साथ ही, अस्पताल को प्रमाण पत्र के अलावा प्रति वर्ष दो लाख रुपये की राशि विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे यूपीएचसी में मरीजों के लिए उच्च स्तरीय गुणवत्तापूर्ण सेवाएं और सुविधाओं में बहाल करने में खर्च किया जाएगा। साथ उक्त राशि एनक्वास की तैयारियों के लिए गठित टीम के सदस्यों को प्रोत्साहन के रूप में भी दिया जाएगा। ताकि, उनका मनोबल बढ़े और वो गुणवत्तापूर्ण सेवाओं में बेहतर सुधार कर सकें।

मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी विंध्याचल सिंह, प्रभारी प्रखंड प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, सीएचओ रौशनी कुमारी समेत अस्पताल के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण मौजूद रहे।

 

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