डुमरांव विधानसभा में दिलचस्प मुकाबले के आसार, वामपंथी नेता रहे प्रदीप शरण ने खोला बगावती मोर्चा



न्यूज विज़न। बक्सर
जिले की डुमरांव विधानसभा सीट पर इस बार का चुनावी संग्राम बेहद दिलचस्प होने वाला है। डुमरांव वामपंथी वरिष्ठ नेता और प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शरण ने मौजूदा विधायक अजीत सिंह कुशवाहा के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।








ठठेरी बाजार निवासी 65 वर्षीय प्रदीप शरण ने शुक्रवार को नामांकन प्रपत्र खरीदते हुए घोषणा की कि वे 17 अक्टूबर को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “वर्तमान विधायक का कार्यकाल जनता के साथ धोखा साबित हुआ है। उन्होंने न तो जनता का विश्वास बनाए रखा और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान किया।” प्रदीप शरण ने आरोप लगाया कि विधायक हर मोर्चे पर विफल रहे हैं। उनका कहना है कि डुमरांव नगर की गंदगी, अधूरे पड़े विकास कार्य, और होल्डिंग टैक्स जैसे मुद्दों पर जनता अब पूरी तरह जागरूक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि “अब समय आ गया है कि जनता असली मुद्दों पर बात करे। मैं जनता की आवाज बनकर मैदान में उतरूंगा और जिन्होंने जनादेश का अपमान किया है, उन्हें सबक सिखाऊंगा।”




सामाजिक संघर्षों से गहराई तक जुड़ा नाम
प्रदीप शरण डुमरांव क्षेत्र में शोषण, अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर आवाज के रूप में जाने जाते हैं। वे वर्षों से स्थानीय स्तर पर जनता के हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने नगर परिषद की मनमानी टैक्स वसूली, अनुमंडल अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, काव नदी की सफाई, प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ियों और हर घर नल-जल योजना की कमजोर क्रियान्वयन पर लगातार सवाल उठाए हैं। वे ‘सामाजिक मंच’ नामक संस्था के संस्थापक भी हैं, जो गरीबों, मजदूरों और वंचित वर्गों के अधिकारों की लड़ाई में सक्रिय है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि और वैचारिक धरातल
प्रदीप शरण का सामाजिक जीवन 1974 के छात्र आंदोलन से शुरू हुआ था। तब से लेकर आज तक वे जनता के अधिकारों की आवाज बुलंद करते रहे हैं। उन्होंने ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ और ‘राइट टू एजुकेशन’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
उनका प्रसिद्ध नारा — “हर बच्चे का है अधिकार – रोटी, खेल, पढ़ाई और प्यार” आज भी युवाओं में जोश और सामाजिक चेतना जगाने का काम करता है।
उन्होंने नोनियांडेरा गांव समेत कई इलाकों में गरीब परिवारों के लिए सड़क, बिजली, मकान और नाली जैसी बुनियादी सुविधाएं दिलाने हेतु कई आंदोलन किए।
डुमरांव में नया समीकरण
प्रदीप शरण की इस बगावत ने डुमरांव विधानसभा के राजनीतिक समीकरण को पूरी तरह बदल दिया है। एक तरफ जहां वामपंथी नेता की इस घोषणा से असहज नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर जनता में इस कदम को “जनता की आवाज़” के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर प्रदीप शरण स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला त्रिकोणीय या बहुकोणीय हो सकता है, जिससे परिणाम अप्रत्याशित दिशा ले सकता है।

