साहित्य वह आलोक है देश और समाज को अंधकार रहित, जाति मुख को उज्ज्वल रखता है – श्रीभगवान पांडेय
विद्यार्थी दिवस पर विद्यार्थी और साहित्य विषय पर परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन




न्यूज विजन । बक्सर
रविवार को एमपी हाई स्कूल के विश्वामित्र भवन में विद्यार्थी दिवस के अवसर पर सिद्धाश्रम साहित्य न्यास परिषद और दिव्यभारत ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वाधान में विद्यार्थी और साहित्य विषय पर परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता श्रीभगवान पाण्डेय ने किया तथा संचालन शिव बहादुर पाण्डेय एवं वैदही श्रीवास्तव ने किया, वही साहित्य पर विचार रखने वाले सभी विद्यार्थियों को कलम देकर सम्मानित किया गया।
परिचर्चा को सिद्धाश्रम साहित्य न्यास परिषद के सचिव श्रीभगवान पाण्डेय ने संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य वह आलोक है देश और समाज को अंधकार रहित, जाति मुख को उज्ज्वल और समाज के प्रभाहीन नेत्रों को सप्रभ रखता है। साहित्य सबल का बल, सजीव का जीवन, उत्साहित का उत्साह, पराक्रमी का पराक्रम, साहसी का साहस और कर्तव्य परायण का कर्तव्य है। वरिष्ठ साहित्यकार प्रीतम जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का विद्यार्थी कल के समाज का निर्माता होगा जिसके कंधे पर संस्कार और संस्कृति को अगली पीढ़ी के लिए आगे बढ़ाएगा। यह कार्य साहित्य ही करता है। साहित्य के बिना विद्यार्थी के लिए विद्या अर्जन सम्भव ही नही है। इसलिए साहित्य की विरासत को संरक्षित करने के लिए विद्यार्थियों को आगे आना ही पड़ेगा।
दिव्यभारत ट्रस्ट के अध्यक्ष ई० अरुण कुमार ओझा ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज और देश के हित में आज यही जरूरी है कि विद्यार्थियों को साहित्य से जोड़ने के लिए पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, पर उसमें मानवीय संवेदीकरण के मुद्दों व मसलों का जिक्र अवश्य हो। इसलिए शिक्षा के उद्देश्य को साधने का एकमात्र तरीका साहित्य को पढ़ना और पढ़ाना भी है। दिव्यभारत ट्रस्ट के सचिव विनोद पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि साहित्य से मशीन होते बच्चों को इंसान बनने की ओर अग्रसर भी किया जा सकता है।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिव्यभारत ट्रस्ट के महिला प्रभारी रीना शर्मा ने किया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से उमेश पाठक, राधा, रश्मि, मधु, काजल, संध्या, विपिन, विक्की, अलोक, दुर्गा, विकास एवं सैकड़ो अन्य शामिल हुए।

