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वैश्विक संकट बने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर जिले का विकास ने सबको किया अचंभित

विकास ने कहा : सरकार से मदद की है दरकार

न्यूज विजन । बक्सर
वेस्टेड प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की कोई बात कहे तो निश्चित रूप से लोग उसका मजाक उड़ाएंगे। लेकिन, बक्सर जिले के 15 वर्ष का लाल विकास कुमार मौर्य ने ऐसा कमाल कर दिखाया। खेलने-कूदने की उम्र में कचरे के प्लास्टिक से वह पेट्रोल बना रहा है। लोग उसकी दिमाग का दाद दे रहे हैं। प्लास्टिक के कचरे से पेट्रोल बनाने का उसने अनोखा फर्मूला इजाद किया है। उसको जानने वाले लोग अभी से ही उसे जूनियर साइंटिस्ट तक कहने लगे हैं। बता दें कि विकास बक्सर जिले के राजपुर थाना के नागपुर गांव का रहने वाला है। उसके पिता चंद्रजीत सिंह कुशवाहा राज मिस्त्री का काम करते हैं। कम कमाई के बावजूद वे अपने सबसे छोटे विकास का साथ देने में कोई कोताही नहीं बरत रहे। नतीजा विकास ने घर से निकलने वाले वेस्टेड प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर सबको चकित कर दिया है। विकास वर्तमान में कैमूर के प्लस टू उच्च विद्यालय में 9वीं का छात्र है। स्कूल की ओर से आयोजित विज्ञान मेला में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है। विकास को जिला स्तर पर ख्याति दिलाने में उसके विद्यालय के गुरुजनों ने काफी सहयोग किया है।

विकास ने कहा कि सरकार से अगर मदद मिले तो प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने का काम वृहद पैमाना पर किया जा सकता है। कहा कि मेरा सपना साइंटिस्ट बनने का है। सरकार बेहतर शिक्षण संस्थान में पढ़ाई की व्यवस्था करे तो बात बने। ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते होनहार युवा और युवतियों की प्रतिभा दब जाती है। भास्कर से हुई वार्ता के दौरान बताया कि पेट्रोलियम से प्लास्टिक बनता है। जब पेट्रोलियम को शुद्ध किया जाता है तो डीजल और किरोसीन निकलने के बाद जो अवशेष बचता है उसे नेप्टा कहते हैं और उससे प्लास्टिक तैयार किया जाता है। प्लास्टिक में पेट्रोलियम का अवशेष होता है। ऐसा हमने रासायन शास्त्र के किताब में पढ़ा था। उसके बाद ही हमने इससे पेट्रोल निकालने की ठान ली।

जुगाड़ सिस्टम से पेट्रोल बनाने की तैयार की मशीन
विकास ने कहा कि जुगाड़ सिस्टम से प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की मशीन तैयार की। टीप का डब्बा, लोहे का पाइप, प्लास्टिक का पाइप, गैस चूल्हा, प्लास्टिक का बोतल आदि से इस मशीन को बनाया है। पहले इस उपकरण को तैयार करने में 1500 सौ रुपये लगा। लेकिन अब 200 रुपये में इसे तैयार कर लिया है। उसने महज 15 मिनट में प्लास्टिक से पेट्रोल तैयार कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। लोगों को अपने प्रतिभा को प्रमाणित करने के लिए निकाले गये पेट्रोल को जमीन पर गिरा आग लगा कर दिखा दिया। कहा कि इसका उपयोग इंधन के रूप में किया जा सकता है। अभी इसे डायरेक्ट बाइक या कार में नहीं कर सकते। प्यूरिफिकेशन के बाद ही इसका उपयोग वाहनों में कर सकते हैं। बताया कि एक से डेढ़ केजी प्लास्टिक से 100 एमएल पेट्रोल तैयार किया जा सकता है।

आज प्लास्टिक वैश्विक संकट बन गया है। विकास ने कहा कि प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की तकनीक को अपनाते हुए वृहद पैमाने पर काम किया जाय तो काफी हद तक निजात मिल जाएगी। कहा कि एक साथ यह तकनीक से तीन काम होगा। पहला तो पेट्रोल, दूसरा प्लास्टिक से निजात और तीसरा उससे निकलने वाले मिथेन गैस का उपयोग घरेलु इंधन के रूप में किया जा सकता है। विकास ने कहा कि इस काम में मेरी मां सविता देवी, चाचा और हमसे बड़े भाई-बहन का काफी सहयोग मिलता रहा है।

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