मणिपुर हिंसा, बलात्कार एवं यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ आदिवासी एकता परिषद समेत अन्य संगठनों ने किया भारत बंद




न्यूज विजन । बक्सर
सोमवार को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच. एन. रेकवाल के आह्वान पर आदिवासियों पर हो रहे अन्याय- अत्याचार, मणिपुर में हिंसा एवं बलात्कार, भारत सरकार द्वारा लाए जा रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड, विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के नाम पर वन संरक्षण संशोधन अधिनियम -2023, एवं आदिवासियों के विरोध में संसद में बनाए जा रहे कानून के विरोध में राष्ट्रव्यापी भारत बंद आंदोलन के तहत किला मैदान से जुलूस प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनकारियों के द्वारा बनवासी नहीं हम आदिवासी हैं, भारत के मूलनिवासी हैं, मूलनिवासियों का नारा है, भारत देश हमारा है, आदिवासियों पर अन्याय- अत्याचार करना बंद करो आदि नारे लगाते हुए पुलिस चौकी, स्टेशन रोड होते हुए ज्योति प्रकाश चौक को शांतिपूर्ण तरीके से जाम कर दिया। इस दौरान लगभग आधे घंटे तक ज्योति प्रकाश चौक जाम रहा।
केंद्र सरकार पर वक्ताओं ने जमकर निकाली भड़ास








सड़क जाम के पश्चात एक सभा आयोजित कर केंद्र सरकार पर वक्ताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस दौरान भारत बंद का नेतृत्व कर रहे प्रदेश प्रभारी भारत मुक्ति मोर्चा के संतोष नागवंशी ने कहा की संविधान एवं कानून के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस भारत बंद कार्यक्रम को वामन मेश्राम राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत मुक्ति मोर्चा, चौधरी विकास पटेल राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त था। जिसकी वजह से इस राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के द्वारा किए गए भारत बंद में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा एवं भारत मुक्ति मोर्चा के अलावा भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, भारतीय युवा मोर्चा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, बहुजन मुक्ति पार्टी के सैकड़ों महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता इस आंदोलन में शामिल रहे। बंदी कार्यक्रम को सफल बनाने में निर्मल गोंड, शोभनाथ राम अनोखा, प्रभु कुमार गोंड, रामाश्रय गोंड, कन्हैया प्रसाद गोंड, संजय कुमार गोंड, अखिलेश सिंह यादव, गोरखनाथ पासवान, धर्मराज सिंह, रामप्रवेश कश्यप, मदन प्रजापति, विजय शंकर प्रजापति, अरुण तेली, शिवमुनि मौर्य, हसनैन खान, इंजीनियर बच्चामुनी राम समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।

