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भारतवर्ष का गौरवशाली शैक्षणिक अतीत का आधार नैतिक मूल्य, शिक्षा ,संस्कार, संस्कृति रही है : डॉ रमेश

भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में बुद्धिजीवियों की हुयी बैठक 

 न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

नगर के चरित्रवन स्थित ऐप्टेक सह स्मृति कॉलेज परिसर में भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में बुद्धिजीवियों की बैठक सकारात्मक रही। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के परिचय से  हुआ। मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता एवं उसके क्रियान्वयन में शिक्षकों की माहिती भूमिका पर संक्षिप्त प्रकाश डाला।

डॉ ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि इसके क्रियान्वयन की जिम्मेवारी एक ऋषि की तरह शिक्षकों की है। मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई करने से छात्रों का मन और मस्तिष्क अधिक सुदृढ़ होता है। उन्होंने प्रत्येक रविवार को मंडल बैठक करने एवं उसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा परिचर्चा करने का सुझाव दिया। 30 एवं 31 मार्च को  एनआईटी, पटना में होने वाले भारतीय शिक्षण मंडल प्रांतीय  कार्यक्रम में बक्सर से डॉ रमेश कुमार भाग लेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय शिक्षण मंडल के दक्षिण बिहार प्रांत के उपाध्यक्ष सह एप्टेक एवं स्मृति कॉलेज के निदेशक डॉ रमेश कुमार ने कहा कि भारतवर्ष का गौरवशाली शैक्षणिक अतीत का आधार नैतिक मूल्य, शिक्षा ,संस्कार, संस्कृति रही है। शोध पर विशेष बल होने से राष्ट्र के विकास में अभूतपूर्व भूमिका होने वाली है। कार्यक्रम का संचालन डॉ रासबिहारी शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन के क्रम में साहित्यकार धनु लाल प्रेमातुर ने कहा कि कौन सी बात कब, कहां, कैसे कही जाती है, यदि यह सलीका मालूम हो तो हर बार सुनी जाती है।

इस विमर्श कार्यक्रम में शामिल अन्य बुद्धिजीवी लोगों में प्रो० महेश दत्त सिंह, डॉ सैकत देवनाथ, भरत प्रसाद, विनोद कुमार पांडेय, डॉ श्रीनिवास चतुर्वेदी, अरुण ओझा, रोहतास गोयल, डॉ वीरेंद्र प्रसाद प्रमुख थे।

 

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