‘बोल बम के नारा’ से गूंजा शहर का हर सड़क, शाम चार बजे से देर रात तक चलता रहा सिलसिला
सावन की दूसरी सोमवारी को बाबा ब्रहमेश्वर नाथ को जलाभिषेक के लिए गंगा से जल लेकर रवाना हुए कावरिया




न्यूज विजन । बक्सर
इस वर्ष दो महीने का सावन हो रहा है जिसका शुभारंभ 4 जुलाई को हुआ और समापन 30 अगस्त को हो रहा है। वही सावन की दूसरे सोमवारी को बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ समेत जिलेभर के अन्य गांव देहात के शिव मंदिरों में जलार्पण के लिए रविवार को शहर के रामरेखा घाट पर शिव भक्त कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर हर महादेव और बोल बम जयघोष से गूंजते तट से उतरायण वाहिनी गंगा का पावन जल लेकर श्रद्धालुओं ने विधि विधान से कांवर की पूजा-अर्चना की।जैसे जैसे शाम ढलते गया भीड़ भी बढ़ते गया। इसके साथ ही कांवरियों का अलग अलग जत्था ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ स्थान के लिए पैदल प्रस्थान किया।
इस दौरान रविवार को शहर के पुलिस चौकी से रामरेखा घाट तक कावरियों के लिए सैकड़ों छोटी छोटी दुकानें सज गई थी। जिले के विभिन्न गांवो से पहुंच श्रद्धालु सर्वप्रथम कावरियों के लिए गेरुआ वस्त्र और कावर और जल लेने के लिए प्लास्टिक के डब्बे समेत अन्य सामग्री की खरीददारी कर रामरेखा घाट पहुंच गंगा स्नान कर जल लेते है। जिसके पश्चात घाट पर मौजूद पंडा जी द्वारा कावर और गंगा पूजन करवाया जाता है। तत्पश्चात कावरियों का जत्था ‘ बोल बम के नारा बा बाबा एक सहारा बा ‘ लगाते हुए पैदल, बाइक या फिर अपने निजी वाहनों से रवाना हो गए। वही अपने निश्चित मंदिर में पहुंच रात 2 बजे के बाद से जलाभिषेक करते है। कांवरियों ने ब्रह्मपुर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ और सोखा धाम पर जलाभिषेक करने के बाद मंदिर के आसपास इलाके में विश्राम किया तथा शिव भक्ति से ओतप्रोत भजन कीर्तन किए। मालूम हो कि ब्रह्मपुर के बाबा बरमेश्वर नाथ कांवरियों के लिए सावन में सबसे बड़ा तीर्थ स्थल बन जाता है। रामरेखा घाट से गंगा का जल लेने के बाद कांवरिया बक्सर से 35 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच 84 पथ होकर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर भी पहुंचते हैं। शिव भक्तों में शाहाबाद के चारो जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर आदि स्थानों के भी श्रद्धालु शामिल रहते हैं। इसे लेकर स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जगह जगह पर समाज सेवियों, व्यवसायियों व राजनीतिक दल के लोगो द्वारा कावरियो की सेवा के लिए कैंप लगाया था।

