लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने डीपीओ स्थापना पर कार्यवाई के लिए डीएम से किया अनुशंसा
बर्खास्त शिक्षक को डीपीओ स्थापना शिक्षा विभाग मो. शारिक अशरफ ने 831958 रुपये का किया भुगतान




न्यूज़ विज़न । बक्सर
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किशोरी चौधरी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शिक्षा विभाग मो. शारिक अशरफ पर कार्रवाई करने को लेकर डीएम को अनुशंसा किया है। स्थापना डीपीओ मो. शारीक अशरफ पर अवैध पंचायत शिक्षक जगनारायण सिंह को किए गए अनियमित वेतन भुगतान को लेकर कार्रवाई करने तथा सरकारी राशि की वसूली को लेकर परिवाद दाखिल किया गया था। जिसके आलोक में 27 अक्टूबर को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई पूरी करने के साथ डीएम को कारवाई के लिए अनुशंसा किया है।
लोक शिकायत निवारण विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में उल्लेख किय आज्ञा है की परिवाद कठार गांव निवासी अजय कुमार सिंह के द्वारा दायर किया गया था। जिसमें 9 बिंदुओं पर आरोप लगाया गया था। सीडब्ल्यूजेसी आदेश पारित होने के पश्चात भी नियोजित शिक्षक जगनारायण सिंह को एरियर भुगतान 831958 रुपये किया गया है। जबकि शिक्षक को बर्खास्त किए जाने के बावजूद एरियर का भुगतान किया गया है। जो नियमानुकूल नहीं है एवं उच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत कार्य किया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किशोरी चौधरी ने उक्त परिवाद के आलोक में जिला पदाधिकारी बक्सर से जिला स्तर पर वरीय पदाधिकारी के अध्यक्षता में जांच टीम का गठन करने हेतु अनुरोध करते हुए जांच टीम से जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने की मांग की गई। उक्त पत्र के आलोक में जिला पदाधिकारी द्वारा त्रिसदस्यीय जांच दल अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बक्सर, अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर एवं उप विकास आयुक्त बक्सर का गठन किया गया। इसके बाद उप विकास आयुक्त के अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन 16 अक्टूबर को प्रतिवेदित किया गया है. परिवाद पत्र में 9 बिंदुओं पर आरोप लगाया गया था।








टीम ने जांच के उपरांत पाया कि जगनारायण सिंह शिक्षक का नियोजन संबंधित नियोजन इकाई द्वारा नहीं किया गया है। वही भुगतान का मामला बिगत कई वर्षों से लंबित था. ऐसी स्थिति में यह आवश्यक था कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना संचिका में विधिवत आदेश व पृच्छा कर तत्वों से अवगत होकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुमोदन के उपरांत भुगतान करने की कार्रवाई का निर्णय लेते। उनके द्वारा समुचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। प्रतीत हो रहा है की भुगतान की कार्रवाई शीघ्रता में की गई है। तथ्यों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि जगनारायण सिंह का नियोजन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजपुर द्वारा सक्षम प्राधिकार नहीं होने के बावजूद शिक्षक के नियोजन नियमावली के विपरीत पंचायत शिक्षक के रूप में किया गया है। जिसमें साक्ष्यों के आधार पर परिवादी का आरोप सही है। जगनारायण सिंह का नियोजन सक्षम पदाधिकार पंचायत नियोजन समिति द्वारा नहीं किया गया है। जहां तक जगनारायण सिंह को वेतन भुगतान करने की बात है तो इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मो. शारीक अशरफ द्वारा संचिका का अवलोकन किए बगैर तथा वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी से आदेश प्राप्त किए बगैर आनन फानन में जगनारायण सिंह को 831958 रुपए का सरकारी राशि भुगतान किया गया है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना बक्सर द्वारा समुचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इस प्रकार परिवादी द्वारा लगाया गया आरोप सही प्रतीत हो रहा है. साथ ही त्रिसदस्यीय जांच दल द्वारा उपलब्ध कराए गए जांच प्रतिवेदन से प्रमाणित होता है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना बक्सर द्वारा अपने पदीय दायित्व का सही ढंग से निर्वहन न करते हुए पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसके लिए मो. शारीक अशरफ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दोषी प्रतीत हो रहे हैं। जिसके आलोक मे त्रिसदस्यीय जांच दल द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन के अवलोकन के बाद दोषी पाए गए हैं. ऐसी स्थिति में मो. शारीक अशरफ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मुख्य रूप से दोषी एवं जिम्मेदार प्रतीत होते हैं के विरुद्ध सेवा नियमों के तहत अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा डीएम से की गई है। ज्ञात हो कि पूर्व में भी एक संस्कृत उच्च विद्यालय के शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर कारवाइ की गई है।



