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तस्वीरों में देखें – ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही : सारा दिन परेशान रहे अधिकारी से लेकर आमजन

शहर की हर सड़क रहा जाम,  पैदल चलना भी हो गया था दुस्वार  

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

बक्सर एसपी मनीष कुमार पिछले एक वर्षों से पुलिसिंग व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है की स्वयं आधी रात को सड़क पर अपनी पुलिस को देखने निकल जाते है। लेकिन बुधवार को ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से पुरे जिले के आम नागरिक से लेकर अधिकारी तक परेशान दिखे।

 

बुधवार को मुंडन संस्कार को लेकर शुभ लग्न मुहूर्त था जिसमे जिले के अलावा उतर प्रदेश से भी श्रद्धालु शहर के रामरेखा घाट पर मुंडन संस्कार को पहुंचे हुए थे। इस दौरान शहर की कोई सड़क ऐसा नहीं था जहां की आसानी से निकला जा सके।  स्टेशन रोड में तो सारा दिन रेंगते रहे वाहन।  जिसमे अधिकारी से लेकर पुलिस पदाधिकारी, एम्बुलेंस, कैदी वाहन, शव वाहन, स्कूल वाहन भी फंसा रहा।  ऐसे में कइयों को ट्रेन पकड़ने के लिए पैदल ही जाना पड़ा।

इस जाम की वजह जब जानना चाहा तो देखा गया की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए जिम्मेदार बक्सर ट्रैफिक पुलिस ही है। सर्वप्रथम अम्बेडकर चौक पर दिन के साढ़े ग्यारह बजे कैदी वाहन व एसडीओ की गाड़ी फंसी हुयी थी जिसे एसडीओ के गॉर्ड व कैदी वाहन के पुलिस कर्मी काफी मशक्क्त कर वाहनों को निकलवा रहे थे। वहां को भी ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आयी।

शहर के ज्योति प्रकाश चौक पर भी नजारा कुछ ऐसा ही रहा ट्रैफिक पुलिस तो दिखी लेकिन एक पुलिसकर्मी भयंकर जाम लगा हुआ था और फोन पर किनारे जाकर लगभग 15 से 20 मिनट तक बात करते दिखे।  तो एक पुलिसकर्मी सड़क किनारे फल दुकान के समीप खड़े रहे।

शहर के वीर कुंवर सिंह चौक पर भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा जहां ट्रैफिक पोस्ट में महिला पुलिस अधिकारी आराम से बैठ मोबाईल देखती रही वही दूसरी तरफ पोस्ट के बगल में एक पुलिस वाले खैनी बनाते रहे।

इसके बाद जैसे रामरेखा घाट की तरफ बढे मोड़ पर हनुमान मंदिर के सामने अपनी गाडी लगाकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर माइक में अनाउंस करते रहे। और उनके वाहन के चारों तरफ पुलिसकर्मी खड़े रहे। जबकि एमपी हाई स्कूल से लेकर ताड़का नाला तक सड़क किनारे सैकड़ो बाइके खड़ी रही।

मुंडन संस्कार के दौरान पूर्व में भी जाम लगता था, लेकिन अधिकारी से लेकर ट्रैफिक पुलिस की तत्परता से घंटे दो घंटे में कंट्रोल कर लिया जाता था। वर्ष 2018 में भी एकबार इसी तरह भीषण जाम लगा था उस वक्त तत्त्कालीन एसडीओ के के उपाध्याय स्वयं ट्रैफिक की कमान अपने हाथो में लेकर ज्योति प्रकाश चौक पर खड़े हो गए। और आधे घंटे में पूरी तरह जाम ख़त्म हो गया।

इसके अलावा पूर्व के ट्रैफिक प्रभारी अंगद सिंह भी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने की क्षमता रखते थे। भले ही वो इसके लिए सख्ती दिखाए या फिर प्यार दिखाए लेकिन शहर में इस तरह की स्थिति पैदा नहीं होने देते थे।

 

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