जीर्णोद्धार के इंतज़ार में है जिले का कुशवाहा भवन, 1949 में हुआ था स्थापना




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के चरित्रवन मोहल्ले में अवस्थित कुशवाहा समाज से आनेवाले जिले के विभिन्न गांव के गरीब व असहाय छात्रों को बक्सर शहर में रहकर पढाई या फिर कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए एकमात्र कुशवाहा लॉज की दुर्दशा देखने लायक नहीं है। शाहाबाद क्षेत्र में अपना स्थान रखने वाला इस भवन की स्थापना 1949 ई. में लक्ष्मण दास जी की अगुआई में बक्सर व रोहतास जिले के लगभग दस सदस्यों द्वारा किया गया था। जो आज खंडहर में तब्दील हो गया है और उसी बीच समाज के युवा रहकर पढाई करते है।








सोमवार को लॉज के पूर्ववर्ती छात्र रहे शिवजी कुशवाहा के साथ वर्तमान समय में स्थिति का जायजा लेने के दौरान उन्होंने बताया की वर्ष 2002 से 2012 तक हमने यहां रहकर पढाई किया था। लेकिन आज जो स्थिति बन गयी है की बहुत की कठिन परिस्थितियों में यहाँ कुशवाहा समाज के युवा रहकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। इस भवन में कुल 21 कमरे है। एक चापाकल और दो बाथरूम की व्यवस्था है।


इस लॉज में रहने वाले मोहरिया के छोटेलाल सिंह ने बताया की पिताजी दिव्यांग है मगर हमको आगे कुछ बेहतर करने के लिए यहाँ रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते है वही अपना और घर का खर्च चलाने के लिए दिन में स्टेशनरी की एक छोटा सा दुकान भी चलाते है और रात को पढाई करते है। विक्की कुमार ने बताया की आईटीआई कर रेलवे की तैयारी कर रहे है। जमुआंव के अभिषेक कुमार ने बताया की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। इसके अलावा आशीष प्रसाद, पंकज कुमार, सूरज कुमार, पवन कुमार व अन्य छात्रों ने बताया की काफी परेशानियों के बिच रह पढाई कर रहे है हम लोग। वही यहाँ कुशवाहा समाज के रहनेवाले और यहां काफी मजबूरियों के बीच पढाई कर आज तरक्की कर गए लेकिन इस समाज के धरोहर का जीर्णोद्धार का कोई पहल नहीं किया।

