ब्रह्मलीन में विलीन हुए बसंत नाथ बाबा, लोगों ने किया शोक व्यक्त




न्यूज़ विज़न। बक्सर
नाथ बाबा के अति प्रिय शिष्य बसंत नाथ बाबा का मंगलवार को देर रात वाराणसी ट्रामा सेंटर में निधन हो गया, वे जिले के डुमरांव अनुमंडल के नेनुआ गांव के रहने वाले थे और बचपन से ही नाथ सम्प्रदाय से जुड़े हुए थे। उनके निधन से मंदिर के मुख्य शील नाथ बाबा समेत मंदिर से जुड़े सभी शिष्यों और नगरवासियों में शोक की लहर है। उनके शरीर को बक्सर लाया गया है और अंतिम दर्शन के लिए मंदिर में रखा गया है।











उनके ब्रह्मलीन में विलीन होने पर श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बसंत बाबा नाथ बाबा के अति प्रिय थे, उनके जाने के बाद शील नाथ बाबा को उत्तराधिकारी बनाया गया। लेकिन मंदिर की सारी व्यवस्था बसंत बाबा के देखरेख में चलता था। उनके ब्रह्मलीन में विलीन होने से काफी आहत हूँ। वही बसंत बाबा के ब्रह्मलीन में विलीन होने पर महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन ने शोक जताया है। फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने गहरा शोक प्रकट करते कहा कि बक्सर वासियों के लिए अपूरणीय क्षति है। जिसे पूरा नहीं किया जा सकता। फाउंडेशन इस क्षति के लिए काफी दुखी है। फाउंडेशन के सदस्यों ने शाहाबाद संयोजक रविराज की अध्यक्षता में एक शोक सभा कर बसंत नाथ की आत्मा के शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। ईश्वर से उन्हें मोक्ष देने के लिए प्रार्थना किया है। शोकसभा में धीरज सिंह, हरिशंकर दुबे, अनिरुद्ध तिवारी, सिधेश्वरानंद बक्सरी, विमलेंदु कुमार बबलू समेत अन्य लोग मौजूद रहे। रेडक्रास सचिव तिवारी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा की उनका जाना बक्सर के लिए और मंदिर समिति के लिए काफी नुकसानदायक है। शहर वासियो के लिए बसंत बाबा अति प्रिय थे।

