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जहां प्रकृति है, वही जीवन है जब प्रकृति को क्षति पहुंचती है तो जीवन पर भी असर पड़ता है : डॉ मनोज

विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित किया गया संगोष्ठी

न्यूज विजन | बक्सर

सोमवार को लालगंज कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व पर्यावरण दिवस सह एक दिवसीय किसान गोष्ठी कार्यक्रम तहत प्राकृतिक खेती के तहत मोटे अनाज का उत्पादन विषय पर चर्चा हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र समन्वयक हरि गोविंद ने किया। जबकि किसान गोष्ठी का संचालन डॉक्टर देवकरण ने किया। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के लिए उपस्थित किसानों को शपथ दिलाया गया। साथ ही कार्यक्रम के अंत में पूर्व जिला पार्षद डॉ मनोज कुमार यादव के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रयास हेतु आम का वृक्ष कृषि विज्ञान केंद्र के कैंपस में लगाया गया। वही किसानों के बीच पौधा का भी वितरण किया गया। डॉ मनोज यादव ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा की मानव और प्रकृति का गहरा नाता है। जहां प्रकृति है, वहां जीवन है और जब इसी प्रकृति को क्षति पहुंचती है तो जीवन पर भी असर पड़ता है। प्रकृति मानव के स्वस्थ जीवन के लिए बहुत कुछ देती है। बदले में मानव पर्यावरण दूषित करता है और प्रकृति का दोहन करता है। जिससे समय के साथ पर्यावरण व प्रकृति नष्ट होती जा रही है। कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी पर्यावरण बन सकता है। इसे संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए 5 जून को हर साल पर्यावरण दिवस मनाते हैं। जीवनदायिनी धरती को रहने योग्य बनाने के लिए पेड़ पौधों के जीवन को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण के कारकों को कम किया जा सकता है। इस कार्य के लिए दूसरों को भी प्रेरित करने की आवश्यकता है इस कार्यक्रम में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष प्रोफेसर रमेश चंद्र श्रीवास्तव, हरे राम पांडेय, विनोद सिंह, चितरंजन तिवारी, इंजीनियर नितेश कुमार उपाध्याय के अलावे सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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