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महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में होगा जल से हाइड्रोजन बनाने की प्रक्रिया पर रिसर्च

प्रो. भरत को एससईआरबी द्वारा जल से हाइड्रोजन बनाने की प्रक्रिया पर रिसर्च के लिए मिला 24 लाख, कॉलेज में ख़ुशी का माहौल

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार का हाइड्रोजन पर जोर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर नेशनल हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की थी।  इससे कार्बन-मुक्त ईंधन की तरफ तेजी से कदम बढ़ाने की बात हुई थी। एस.इ.आर.बी. द्वारा देश के विभिन्न महाविद्यालयों से हाइड्रोजन पर रिसर्च के लिए प्रोजेक्ट आमंत्रित किया गया था। जिसमे बक्सर महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय बक्सर के रसायन शास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर भरत कुमार द्वारा भी प्रोजेक्ट भेजा गया था।  जिसका चयन करते हुए 24 लाख रूपये की राशि का आवंटन कर दिया है।

 इस रिसर्च प्रोजेक्ट से जल को विखंडित कर हाइड्रोजन गैस प्राप्त किया जाएगा : प्रो. भरत   

प्रो भारत ने बताया की भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विभाग से 24 लाख का रिसर्च प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है। जो बिहार के दो महाविद्यालय को प्राप्त हुआ है जिसमे एम वी कॉलेज भी है शामिल। वही प्रोजेक्ट मिलने से महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में हर्ष का माहौल है महाविद्यालय को एस ई आर बी द्वारा प्रोजेक्ट मिलना गर्व की बात है। डॉ भरत कुमार की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय परिवार ने शुभकामनाएं दी हैं इस प्रोजेक्ट से महाविद्यालय की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है कॉलेज को नैक ग्रेड प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। एससईआरबी द्वारा प्रायोजित इस रिसर्च प्रोजेक्ट से जल को विखंडित कर हाइड्रोजन गैस प्राप्त किया जाएगा जिससे ऊर्जा संबंधित जरूरत को पूर्ण करने में मदद मिलेगा। उन्होंने बतया की कार्बन उत्सर्जन को कम करने की तरफ कदम बढ़ा रहे भारत को बड़ी होगी। इसमें साईंटिस्टो द्वारा पानी से हाइड्रोजन निकालना किफायती बनाया जा सकता है। पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग करना कठिन है और इसमें बहुत ऊर्जा लगती है लेकिन अब इसका किफायती तरीका ढूंढ निकाला गया है।

वही प्रोफ़ेसर भरत ने बताया की इस शोध प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए प्रोजेक्ट अस्सिटेंट पद हेतु आवेदन भी आमंत्रित किया गया है जिसमे एमएससी रसायन के छात्रों का चयन किया जायेगा।  जिन्हे एससईआरबी दवरा ₹20,000 एवं आवास भत्ता दिया जायेगा। यह प्रोजेक्ट 3 साल के लिए मिला है जिसका समय-समय पर मूल्यांकन भी किया जाएगा।

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