अनेको शिक्षण संस्थानों की स्थापना करवा दानवीर महिला बनी धरिक्षणा कुंवर की 67 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले की दानवीर महिला और डी.के. कॉलेज डुमरांव सहित अनेकों शिक्षण संस्थानों की संस्थापिका रही धरिक्षणा कुंवर की 67वीं पुण्यतिथि भोजपुरी साहित्य मंडल बक्सर तथा आर्या एकेडमी ट्रस्ट के साझा बैनर तले शहर के बंगाली टोला स्थित आर्या एकेडमी के शारदा सभागार में प्राचार्य नीलम भारवि की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ धरिक्षणा कुंवर के तैल चित्र पर माल्यार्पण से हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कद्दावर राजनीतिज्ञ अनिल कुमार त्रिवेदी ने कहा कि डुमरी की रानी श्रीमती कुंवार जिले की सबसे बड़ी दानवीर महिला थी वो ज्ञान की साक्षात् देवी थी और उन्होंने डी.के. कॉलेज डुमरांव सहित डुमरी और बक्सर में अनेक शिक्षण संस्थाओं का निर्माण किया था। श्रीमती धरिक्षणा कुंवर के पौत्र और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अरुण मोहन भारवि ने कहा कि श्रीमती कुंवर ने अपना संपूर्ण जीवन और संचित धन गिनता को शिक्षित करने में खर्च करते हुए लोगों के बीच ज्ञान ज्ञान की देवी के रूप में पूजनीय रही। उन्होंने डुमरी में डीके कॉलेज, हाई स्कूल डुमरी, डी के गर्ल्स स्कूल बक्सर सहित कोईलवर टीवी सेनेटोरियम को लाखों का दान देकर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी।








सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर बलिराज ठाकुर ने धरिक्षणी कुंवर को अपनी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कुंवर एक दानवीर महिला होने के साथ एक परदुख कतर तथा संवेदनशील महान नारी होने के साथ ही परम परोपकारी देवी थी। इन्होंने जीवन भर समाज जन सेवा के लिए अपनी संपत्ति को दोनों हाथों से खर्च किया। कार्यक्रम को विद्यालय की शिक्षिका अनीता देवी, तन्नू सिंह, द्वारिका जायसवाल, ललिता कुमारी, मोनिका, अंशु शर्मा, अदिति आदि ने श्रीमती कुंवर को अपनी सादर श्रद्धांजलि देते हुए उनके परोपकारी चरित्र को उद्बोधन किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य नीलम भारवि ने श्रीमती कुंवर को सुप्रसिद्ध समाजसेवी, साहित्य देवी और दानवीर के रूप में याद किया।

