श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं मोक्ष दायिनी है : आचार्य धर्मेन्द्र
लाल बाबा आश्रम में गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के सती घाट स्थित सोमवार को विश्व प्रसिद्ध महामनीषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के समर्थ शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपापात्र ब्रह्मपुर पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र (पूर्व कुलपति) कथा के दौरान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की सभी बाल लीलाएं अद्भुत हैं, चाहे पूतनोद्धार की, चाहे माखन चोरी की हो,चाहे मिट्टी भक्षण की, चाहे वस्त्र चोरी की, चाहे ऊखल से बांधने की, चाहे नाग नाथन की, या गोवर्धन पूजन की, सबका विशेष भाव, रहस्य को बताया आचार्य जी ने।







आचार्य जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का रहस्यमयी विवेचनकर भक्तों को खूब कथामृत का पान कराया। चीरहरण की कथा करते हुए आचार्य जी ने कहा कि चीरहरण लीला, कथा वस्त्र की चोरी नहीं है, वरन जीव और ब्रह्म के बीच जो पर्दे हैं उसको हटाने की कथा है। यह कथा आकंठ जल में पड़े …जीव को बाहर निकालने की कथा है, यह कथा भक्तों की मनोकामना पूरा करने की कथा है, यह कथा भगवान की भक्तों पर कृपा की कहानी है। आचार्य जी ने कहा कि गोपियाँ साधारण जीव नहीं, वरन वर्षों तक भगवान को पाने के लिए तपस्या करने वाली साधिका है, त्रेता युग की मिथलानियां है, दंडकारण्य के ऋषि वृन्द हैं।

आज नंदोत्सव में वैदिक मंत्र सहित लूप्त होते पारंपरिक मांगलिक गीतों यथा सोहर, खेलौना, झूमर, बधइया को सुन भक्त झूमते रहे। श्रीमद्भागवत का मूल पाठ पंडित अशोक द्विवेदी द्वारा किया जा रहा है। प्रबंध व्यवस्था में महंथ सुरेन्द्र बाबा और उनके सहयोगी यज्ञ समिति के स्थानीय भक्त व क्षेत्रीय लोग भक्ति भाव से सेवा में लगे हैं।

