एसटीपीएल में भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान महापंचायत, पारदर्शिता पर उठे सवाल
पंचायत भवन बनारपुर में किसानों ने CBI जांच की निष्पक्षता पर जताई शंका, कंपनी पर किसानों, मजदूरों और युवाओं की देनदारी चुकाने के झूठे दावे का आरोप



न्यूज़ विज़न। बक्सर
गुरुवार को पंचायत भवन बनारपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता राजनारायण चौधरी ने की तथा मंच संचालन डॉ. विजय नारायण राय ने किया। किसान महा पंचायत में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि STPL कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच जो CBI द्वारा की जा रही है, ग्रामीणों को यह जांच निष्पक्ष और पारदर्शी प्रतीत नहीं होती। वक्ताओं ने आरोप लगाया गया कि जिन अधिकारियों पर जांच चल रही है, उनके आतिथ्य में वही कंपनी के एसी कक्ष में बैठकर किसानों से ब्यान अधिकारी ले रहे हैं और अपने मनोनुकूल ब्यान दर्ज कर रहे है, ऐसे में इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता संदिग्ध है।








वक्ताओं ने यह भी कहा कि कंपनी के वरीय पदाधिकारियों का यह दावा कि “किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं की सभी देनदारियां चुका दी गई हैं”, पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यों के विपरीत है। इससे स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन और कंपनी के बीच भ्रष्टाचार की गहरी सांठगांठ रही है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता दिनेश कुमार ने चेतावनी दी कि यदि कंपनी और प्रशासन ने किसानों व मजदूरों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया और लंबित समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं निकाला, तो निकट भविष्य में इसका परिणाम भीषण जनाक्रोश के रूप में सामने आएगा। वर्ष 2013 से 10 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज जोड़कर संशोधित दर का चार गुणा मुआवजा देना है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। प्रभावित ग्रामीणों, मजदूरों और महिलाओं पर फर्जी मुकदमा लादे गए हैं, जिससे उनके जीवन और आजीविका पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह धरती वीर कुंवर सिंह की धरती है। लड़ाई और संघर्ष हमारे खून में है। यहां के युवाओं को अपने रोजगार के लिए भी एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा।




वहीं युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम जी ने युवाओं से आह्वान किया कि सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है। यह युवाओं के भविष्य का मसला भी है। अगर युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करना है तो पूरी ताकत से संगठित होकर लड़ना पड़ेगा। युवाओं को राजनीतिक दलों के नेताओं के पीछे हुल्लड़ बाजी करने की बजाय आंदोलन के गतिविधि में शामिल होना चाहिए। बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि आज पूरे देश का किसान बदहाल है। इस बदहाली के लिए मोदी सरकार को नीति जिम्मेदार है। मोदी सरकार पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली है। यह किसानों की जमीन छीन कर अपने मित्र अम्बानी,अडानी को दे रहे। बक्सर एस डी ओ किसानों के ऊपर धारा 107 लगाकर उत्तेजित कर शांति भंग करने की कोशिश बंद करे। उन्होंने भागलपुर के पीरपैती में 1050 एकर जमीन और 10 लाख वृक्ष एक रूपया सालाना पर देने की घोर निंदा करते हुए, कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।
वहीं देश भर में युवाओं के रोजगार के लिए लड़ रहे प्रशांत कमल ने युवाओं से आंदोलन में भागीदारी लेने की अपील की। उन्होंने वहां मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के किसानों के साथ युवा आंदोलन पूरी ताकत से खड़ा रहेगा। पूरे बिहार में किसानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। किसान महापंचायत को रामप्रवेश सिंह,बृजेश राय, शिवाजी सिंह, अंशु चौबे, गोविंद साह, नंदलाल सिंह, इसराइल खान, शैलेश राय, मोहम्मद हदीस, सुरेंद्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

