राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ का कार्यकर्ता सम्मेलन में सुधाकर सिंह ने पंचायती राज व्यवस्था पर बोला हमला
नल-जल योजना हो, सौर ऊर्जा की लाइट हो, नली-गली का निर्माण हो – सब कुछ लूट और भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुका है : सुधाकर सिंह




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सदर प्रखंड के नाट गांव में रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पंचायती राज प्रकोष्ठ के बैनर तले एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन सह मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही उत्साह के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह एवं पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद विद्यार्थी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।







इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता को चुनाव आयोग द्वारा संचालित एसआईआर प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना और मतदाताओं को जागरूक करना था। साथ ही, 2025 के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए एनडीए एवं चुनाव आयोग की कथित मिलीभगत से होने वाली “वोट चोरी” के खिलाफ लोगों को सतर्क करना भी प्रमुख एजेंडा रहा। इसके अलावा, बिहार सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों में की गई कटौती को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए, पंचायती राज प्रकोष्ठ ने ऐलान किया कि आने वाले समय में इस लड़ाई को और तेज किया जाएगा। सभा को संबोधित करते हुए सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में पंचायती राज व्यवस्था पर सरकार का हस्तक्षेप अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पंचायतों की मूल भावना को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि नल-जल योजना हो, सौर ऊर्जा की लाइट हो, नली-गली का निर्माण हो – सब कुछ लूट और भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुका है। पंचायतों की शक्तियों और अधिकारों को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है, जिससे लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार हुआ है।




इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष श्रीरंग सिंह ने की, जबकि संचालन राजा खान एवं ओमप्रकाश माली ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में शेषनाथ सिंह (राजद जिला अध्यक्ष), धनपत चौधरी, सरोज राजभर, कृष्णावती देवी, संतोष भारती, हरेंद्र कुमार सिंह, निर्मल कुशवाहा, संजय यादव, अजमेर खान, जंगली यादव, इफ्तार खान, मंटू यादव, राजेंद्र सिंह (पूर्व मुखिया), गोविंद प्रजापति, विशेश्वर यादव, रमाशंकर कुशवाहा, दीपक, आशीष चौरसिया सहित अन्य कई कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के माध्यम से राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ ने साफ कर दिया कि आने वाले चुनावों में पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों की बहाली, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष और मतदाता जागरूकता उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं रहेंगी।
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