भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठे शिवालय, दूसरी सोमवारी पर उमड़ा आस्था का सैलाब




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सावन मास की दूसरी पवित्र सोमवारी पर जिले भर के शिवालयों में हर-हर महादेव और जय ओम नमः शिवाय के जयकारों से आसमान गूंज उठा। भोर होते ही ब्रह्मपुर स्थित ऐतिहासिक बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर सहित बक्सर और डुमरांव के सभी प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भोलेनाथ के दर्शनों और जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतारें सुबह पांच बजे से ही मंदिरों के बाहर लग गईं, जो दोपहर तक जारी रहीं।






सुबह-सुबह गंगा घाटों पर गंगाजल भरते कांवड़ियों और भक्तों का दृश्य अत्यंत मनोहारी था। गंगाजल लेकर श्रद्धालु ‘बोल बम’ के जयघोष के साथ मंदिरों में पहुंचकर शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से महाभिषेक कर रहे थे। बेलपत्र, धतूरा, भस्म और पुष्पों से भोलेनाथ को अर्पित कर भक्तजन अपने कष्टों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे थे। मंदिरों में शंखनाद, घंटियों की गूंज, घड़ियालों और झालरों की धुन से माहौल पूरी तरह भक्ति में रंगा नजर आया। रामरेखा घाट के लाला बाबा ने कहा “सावन में भोलेनाथ का एक बेलपत्र भी सच्चे मन से चढ़ाया जाए तो भगवान अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस माह में शिव का दूध-दही से अभिषेक और महामृत्युंजय जाप से मनुष्य के सारे कष्ट दूर होते हैं।”


इस पावन अवसर पर रामेश्वर नाथ मंदिर, नाथ बाबा मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, पातालेश्वर नाथ मंदिर, सिद्धनाथ महादेव, कांचनेश्वर महादेव, सोखा धाम सहित जिले के सभी शिवालयों में दिनभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। कई भक्तों ने पंडितों की उपस्थिति में रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप का विशेष आयोजन भी कराया। मंदिर प्रांगण में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की थी।

पंडितों के अनुसार, सावन में पार्थिव शिवलिंग का पूजन, रुद्राभिषेक और जलाभिषेक विशेष फलदायी होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष के प्रभाव को शीतल करने के लिए देवताओं ने शिवजी का जलाभिषेक किया था। तभी से सावन के सोमवार को जल चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।

सावन के इस अवसर पर बेलपत्र, धतूरा, पुष्प और पूजा सामग्री की मांग भी आसमान छू रही है। सावन की इस दूसरी सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ा श्रद्धा का ऐसा अनुपम दृश्य देखकर हर कोई भाव-विभोर हो उठा। भक्तों के जयकारों और भक्ति रस से जिले का वातावरण शिवमय हो गया।
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