उर्दू भाषी छात्रों के प्रोत्साहन हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
बिहार सरकार द्वारा उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने के साथ विरासत को सहेजने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक अहम प्रयास है : डीएम




न्यूज़ विज़न। बक्सर
मंत्रिमंडल सचिवालय, उर्दू निदेशालय, बिहार एवं जिला प्रशासन बक्सर के संयुक्त तत्वाधान में उर्दू भाषी छात्रों के प्रोत्साहन हेतु राज्य योजना के अंतर्गत शुक्रवार को एमपी हाई स्कूल के विश्वामित्र हॉल में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन डीएम अंशुल अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का उद्देश्य उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार और छात्रों में शैक्षणिक चेतना जागृत करने की दिशा में एक पहल है।






डीएम ने उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा की यह विषय आज की परिस्थितियों के अनुरूप बेहद प्रासंगिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार द्वारा उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना, इस भाषा की विरासत को सहेजने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक अहम प्रयास है। ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्रों की शैक्षणिक और रचनात्मक क्षमताओं को निखारते हैं, बल्कि उर्दू भाषा के प्रति उनके उत्साह और लगाव को भी बढ़ावा देते हैं।कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त महेंद्र पाल एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उर्दू भाषा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उर्दू केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी साझा विरासत और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। इस अवसर पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, बक्सर के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता की सराहना की।


कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला उर्दू भाषा कोषांग के कर्मियों, मोहम्मद अमीनुल्लाह और मोहम्मद जहानगीर अंसारी का विशेष योगदान रहा।

