प्री-वेडिंग शूटिंग का ड्रामा कर असम के वीडियोग्राफरों से फ्रॉड, लाखों के कैमरा व सामान गायब
एक फोन पर बुकिंग, पैसों की डील के साथ एडवांस पेमेंट और बक्सर में होटल में ठहरकर अचानक गायब हो गए लाखों के कैमरा व अन्य सामान —पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है


न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जिले में ऐसा काण्ड सामने आया है जिसने सबको चौका दिया। रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक निजी होटल कमरे ने असम से आए तीन वीडियोग्राफरों की मेहनत और महंगे कैमरे-उपकरणों को कुछ पल में उजाड़ दिया। प्री-वेडिंग शूटिंग के नाम पर बुलाए गए इन फोटोग्राफरों के साथ ऐसा फर्जीवाड़ा हुआ कि उनके जेहन में अभी भी विश्वास नहीं बैठ रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिब्रूगढ़ जिले के डोंगरीचक गांव के सुशांतो गोगोई व उनके साथी रितेश पांडेय दोनों पेशे से वीडियोग्राफर है जिन्हे शादी की शूटिंग का ऑफर फोन पर मिला। बातचीत में 30 हजार रुपये की डील हुई और एडवांस 5,000 रुपये गूगल पे कर भेजे गए। आरोपी ने इतना ही नहीं, गुवाहाटी से बक्सर तक की ट्रेन टिकट भी भेज दी ताकि शार्पता बनी रहे। पर यह सब एक चाल निकला। बक्सर पहुंचने पर दोनों युवक रेलवे स्टेशन पर मिले और उन्हें होटल के कमरे नंबर 201 में ठहराया गया। शाम करीब साढ़े छह बजे ही बातचीत और भोजन के बहाने उन्हें होटल से बाहर बुलाया गया। इसी बीच, अज्ञात शातिरों ने दूसरी चाबी से कमरे में घुसकर दो प्रोफेशनल कैमरे, चार लेंस, बैटरियाँ, लाइट, मेमोरी कार्ड, साथ ही व्यक्तिगत दस्तावेज जिसमे एटीएम/पैन/आधार कार्ड, पर्स और नकद तक सब कुछ निकालकर लगभग ₹7.5 लाख के उपकरण लेकर फरार हो गए।
जब सच का चेहरा सामने आया
कुछ देर बाद जब तथाकथित क्लाइंट लौटकर नहीं आया, तो युवकों को शक हुआ। वापस कमरे पर पहुंचे तो पूरा सामान गायब था। आहत और हतप्रभ होकर उन्होंने तुरंत नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और पुलिस टीम ने होटल व आसपास के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।

पुलिस ने क्या कहा
सदर एसडीपीओ गौरव पांडेय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि असम से कुल तीन युवक बुलाए गए थे और आने के बाद उनके साथ यह फर्जीवाड़ा हुआ। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि किसने बुलाया था और इन पीड़ितों का किन लोगों से संपर्क रहा। सभी पहलुओं की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या संदिग्ध हैं — क्या ध्यान देना चाहिए
* घटना में दूसरे चाबी से कमरे में घुसने का संकेत मिलता है — होटल के स्टाफ या किसी परिचित की भूमिका की जांच आवश्यक।
* फोन कॉल और ई-पेमेंट ट्रेस किए जा रहे हैं — आरोपी का असली चेहरा वहीं से उभर सकता है।
* ट्रेन टिकट भेजने की साजिश — टिकट किसने बुक किये, किस नाम पर थे, यह अहम सुराग हो सकता है।
* आसपास के दुकानों व पड़ोस के सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने कब्जे में लिए हैं — मंगलवार की शाम की हर छोटी-सी छोटी हरकत अब जांच के दायरे में है।
पीड़ितों की पुकार
सुशांतो गोगोई और उनके साथी फिल्मकारों की मेहनत, महंगे उपकरण और पहचान पर हमला, सिर्फ संपत्ति का घाटा नहीं, बल्कि विश्वास की भी चम्पत लगी है। उन्होंने तुरंत कार्रवाई और न्याय की मांग की है। स्थानीय समाज में घटनाक्रम की निंदा हो रही है और मांग उठ रही है कि बक्सर में आने वाले कलाकारों और शिल्पकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह मामला बक्सर पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है — चुनावी हलचल के बीच हुए इस सनसनीखेज फर्जीवाड़े ने स्थानीय उठापटक बढ़ा दी है। हम जैसे ही आगे की जांच-खबर मिलती है, संबंधित नए सुराग और पुलिस की कार्रवाई की पूरी जानकारी आपके पास लाएंगे।





