परशुराम जयंती पर अहिरौली में निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा, राजकुमार चौबे के नेतृत्व में गूंजा सनातन जयघोष




न्यूज़ विज़न। बक्सर
भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर अहिरौली गांव में धार्मिक उत्सव और सांस्कृतिक चेतना का अनोखा संगम देखने को मिला। विश्वामित्र सेवा संस्था के बैनर तले आयोजित इस भव्य आयोजन की अगुवाई संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चौबे ने की। क्षेत्र में पहली बार इस स्तर पर आयोजित इस शोभायात्रा ने न सिर्फ सनातन संस्कृति की समृद्धता को दर्शाया, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी दिया – परशुराम जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए।









सुबह से ही गांव में उत्सव जैसा माहौल था। ढोल-नगाड़ों की धुन, शंखनाद और जय श्रीराम व जय परशुराम के नारों से आकाश गूंज उठा। शोभायात्रा में भगवान परशुराम की भव्य झांकी, बाइक पर सवार सैकड़ो युवाओ की टोली, बैंड बाजा, पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। हजारों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण, महिलाएं, युवा और बच्चे शोभायात्रा में शामिल हुए। इस दौरान पूरे मार्ग को सजाया गया था। रंगोली, फूलों की मालाएं, भगवा पताकाएं और स्वागत द्वारों ने आध्यात्मिक वातावरण को और निखार दिया। कार्यक्रम के संयोजक राजकुमार चौबे ने सम्बोधित करते हुए कहा कि “भगवान परशुराम केवल एक जाति विशेष नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज के रक्षक थे। वे शक्ति और शांति के प्रतीक हैं। परशुराम जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने से सनातन संस्कृति को पहचान मिलेगी और हमारी नई पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास से जुड़ सकेगी।”




उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह मांग सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है, जो भारतीयता के मूल स्वरूप को सामने लाती है। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। ग्रामीणों ने शोभायात्रा को शांति और गरिमा से सम्पन्न करने में पूर्ण सहयोग दिया। पुलिस प्रशासन की भी व्यवस्था चाक-चौबंद रही जिससे सुरक्षा और यातायात सुचारु रूप से चलता रहा। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि परशुराम जयंती अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन बनता जा रहा है।
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