CRIME

दर्दनाक हादसा: भाई को बचाने के प्रयास में सात वर्षीय बच्ची की डूबकर मौत

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
जिले के मुरार थाना क्षेत्र अंतर्गत ओझा बरांव गांव में शनिवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। खेत के पास बने आहर (गहरे गड्ढे) में डूबने से सात वर्षीय मासूम बच्ची सुहानी की मौत हो गई। ग्रामीण इस घटना को बच्ची की बहादुरी और बलिदान के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि उसने अपने छोटे भाई की जान बचाने के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत बच्ची विजय यादव की पुत्री थी। शनिवार दोपहर करीब सात वर्षीय सुहानी अपने छोटे भाई मुकुंद (5 वर्ष) के साथ खेतों के पास खेल रही थी। इसी दौरान खेल-खेल में मुकुंद का पैर फिसल गया और वह खेत के किनारे बने पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा। भाई को डूबते देख सुहानी बिना कुछ सोचे-समझे उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़ी। ग्रामीणों के अनुसार, शोर सुनकर आसपास के लोग दौड़े और दोनों को बाहर निकालने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद मुकुंद को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। लेकिन सुहानी को ढूंढने में लगभग आधा घंटा लग गया। जब तक उसे बाहर निकाला गया, तब तक वह बेहोश हो चुकी थी। परिजन और ग्रामीण सुहानी को तत्काल चौगाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां तैनात डॉक्टर पंकज कुमार ने जांच के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। सुहानी माता-पिता की इकलौती बेटी थी। अब परिवार में केवल एक बेटा ही बचा है।

 

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही मुरार थाना प्रभारी नेहा कुमारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, प्रखंड के सीओ ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए आश्वासन दिया कि सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा।

गांव में मातम, बच्ची की बहादुरी की चर्चा

ओझा बरांव गांव में इस घटना के बाद गहरा सन्नाटा और मातम छा गया है। हर कोई सात वर्षीय सुहानी की बहादुरी की चर्चा कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी छोटी उम्र में उसने अपने भाई को बचाने के लिए जो कदम उठाया, वह बड़ी मिसाल है, लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर जलस्रोतों और खेतों के किनारे बने गहरे गड्ढों के पास बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे स्थानों के पास बच्चों को अकेले घूमने नहीं देना चाहिए और प्रशासन को भी सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।  इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। मासूम सुहानी की बहादुरी को लोग हमेशा याद रखेंगे, जिसने अपने भाई की जान बचाने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी।

 

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