राष्ट्रीय खेल दिवस पर सरस्वती विद्या मंदिर अहिरौली में हुआ भव्य आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सरस्वती विद्या मंदिर अहिरौली, बक्सर में गुरुवार को राष्ट्रीय खेल दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार, विद्यार्थियों और आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को खास बना दिया।









कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद विद्यालय के आचार्य अनुप कुमार चौबे ने महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी के जीवन पर प्रभावशाली भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था और अपनी अद्भुत खेल-कौशल के कारण उन्हें पूरी दुनिया “हॉकी का जादूगर” कहती है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को लगातार तीन बार स्वर्ण पदक दिलाकर देश का मान-सम्मान बढ़ाया।






चौबे जी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए बताया कि ध्यानचंद जी का जीवन अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर उनके खेल कौशल से प्रभावित होकर उन्हें अपनी सेना में उच्च पद देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन ध्यानचंद जी ने गर्व से उत्तर दिया – “मैं केवल भारत के लिए खेलूँगा।” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग खिलाड़ी ज्योति प्रकाश उपस्थित रहे। उन्होंने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि खेल केवल शारीरिक तंदुरुस्ती का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन में अनुशासन, आत्मविश्वास और सफलता की राह प्रशस्त करता है। विद्यार्थियों को उन्होंने मेहनत, लगन और निरंतर अभ्यास से आगे बढ़ने का संदेश दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद जी का जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए आदर्श है। खेलों से जहाँ शरीर स्वस्थ रहता है वहीं मनोबल और राष्ट्रप्रेम की भावना भी विकसित होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे खेलों को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिवार ने मेजर ध्यानचंद जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय खेल दिवस की सार्थकता पर प्रकाश डाला। पूरे समारोह के दौरान विद्यार्थियों में जोश और उमंग देखने को मिली।

