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एमवी कॉलेज स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा ‘महर्षि विश्वामित्र व्याख्यान माला’ का भव्य आयोजन 18 दिसंबर

महर्षि विश्वामित्र व्याख्यान माला में होगा ज्ञान, संस्कृति और अस्मिता विषय पर गहन मंथन

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 
महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा महाविद्यालय परिसर में 18 दिसंबर 2025 को ‘महर्षि विश्वामित्र व्याख्यान माला’ के चतुर्थ संस्करण ‘ज्ञान सत्र-04’ का भव्य आयोजन सुनिश्चित किया गया है। यह ज्ञान सत्र ‘अस्मितामूलक विमर्श में साहित्य की भूमिका’ जैसे सारगर्भित और समसामयिक विषय पर केंद्रित होगा, जिसमें देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविद् और आचार्य विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे।

 

महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय प्रो० (डॉ०) कृष्णा कान्त सिंह ने इस आयोजन को ‘विचार के महाकुंभ’ की संज्ञा देते हुए कहा कि यह व्याख्यान माला मात्र एक अकादमिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक-साहित्यिक चेतना के उद्दीपन का माध्यम है। आज के वैश्वीकरण के दौर में जब अस्मिता गत प्रश्न अत्यंत प्रखर हो उठे हैं, तब साहित्य ही वह दर्पण है जो समाज को उसके मूल्य-बोध और सामूहिक पहचान का सम्यक दर्शन करा सकता है। हमारा महाविद्यालय इस ज्ञानार्जन के महायज्ञ के माध्यम से छात्रों को संकीर्णताओं से परे जाकर तत्वानुसंधान करने और सृजनात्मक प्रतिरोध की भाषा समझने के लिए प्रेरित करना चाहता है।

 

इस महत्त्वपूर्ण बौद्धिक अनुष्ठान में निम्न विशेषज्ञ वक्ता अपने सारगर्भित विचार रखेंगे:
* डॉ. मृत्युंजय सिंह: अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा।
* डॉ. रणविजय कुमार: पूर्व अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग एवं पूर्व कुलसचिव, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा।
* श्री नर्मदेश्वर: प्रतिष्ठित विद्वान, सासाराम।
विभागाध्यक्ष एवं संयोजक डॉ. पंकज कुमार चौधरी ने बताया कि यह व्याख्यानमाला अस्मिता की पहचान और साहित्य के सामाजिक दायित्व के अंतर्संबंधों पर गहन विमर्श का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वक्ताओं की अनुशीलन की गहनता से छात्रों को सार्थक दिशा मिलेगी। महाविद्यालय परिवार ने सभी प्रबुद्ध नागरिकों, प्राध्यापकों, शोधार्थियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों से इस ज्ञान सत्र में सादर उपस्थित होकर इसकी गरिमा को बहुगुणित करने का अनुरोध किया है।

 

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