संतोष कुमार सिंह की हत्या का खुलासा : पेप्सी कम्पनी से बढ़ती नजदीकियां बनी जानलेवा
हत्या का मुख्य साजिशकर्ता पूर्व जिला परिषद सदस्य सह नवानगर पश्चिमी जिप सदस्य प्रतिनिधि मुन्ना यादव समेत तीन फरार, तीन हुए गिरफ्तार




न्यूज़ विज़न। बक्सर
25 मई को वासुदेव थाना क्षेत्र अंतर्गत मीरपुर गांव स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत ठेकेदार संतोष कुमार सिंह की निर्मम हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एसपी शुभम आर्य ने प्रेस वार्ता कर बताया कि हत्या की मुख्य वजह पेप्सी कंपनी में संतोष कुमार की बढ़ती नजदीकी और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा रही। संतोष कुमार अन्य ठेकेदारों के लिए एक चुनौती बनते जा रहे थे, जिससे असंतुष्ट होकर कुछ लोगों ने मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया।









प्रेसवार्ता एसपी ने बताया की 25 मई की सुबह लगभग 5:00 बजे घटना के बारे में बासुदेव थाना को प्राप्त हुई। सूचना मिली कि हमीरपुर गांव निवासी संतोष कुमार सिंह की हत्या कुछ अज्ञात अपराधियों ने कर दी है। मृतक की पत्नी के लिखित आवेदन पर तत्काल एफआईआर दर्ज की गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम ने तकनीकी अनुसंधान और खुफिया सूचना के आधार पर तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें वासुदेवा थाना क्षेत्र अंतर्गत अमीरपुर गांव निवासी देवाश्रय सिंह के पुत्र भोला सिंह, देवपुरवा गांव निवासी स्व. रामनारायण सिंह के पुत्र महेंद्र सिंह एवं चकौड़ा गांव निवासी स्व.रामप्रवेश सिंह के पुत्र अरुण सिंह शामिल है। अरुण सिंह वर्ष 2014 में हत्या मामले में जेल से सजा काटकर लौटे थे। वही पूछताछ के दौरान तीनों अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। साथ ही पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि घटना में कुल छह लोग शामिल थे, जिनमें से अभी तीन आरोपी फरार हैं।




हत्या की साजिश और मुख्य आरोपी:
इस घटना में मुख्य साजिशकर्ता का नाम मुन्ना यादव सामने आया है, जो पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य हैं। पुलिस के अनुसार, मुन्ना यादव ने संतोष कुमार को पेप्सी कंपनी में अपने पार्टनर के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे संतोष ने ठुकरा दिया। इससे नाराज होकर मुन्ना यादव ने संतोष की हत्या की साजिश रची। एसपी के अनुसार, 24 मई की शाम को मुन्ना यादव ने अपने सहयोगियों को एक देसी कट्टा और दो कारतूस उपलब्ध कराए। घटना वाली रात, संतोष कुमार जब खलिहान में सो रहे थे, तभी चार हमलावरों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद हत्या में प्रयुक्त हथियार को छुपाने की जिम्मेदारी उपेंद्र सिंह और सुनील सिंह को दी गई, जो फिलहाल फरार हैं।
हत्या का कारण: व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा और पार्टनरशिप से इंकार:
पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता किस हद तक खतरनाक रूप ले सकती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से जहां तीन अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, वहीं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस जघन्य अपराध की पूरी परतें खुलेंगी। पुलिस का कहना है कि न्याय की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी और दोषियों को कठोर सजा दिलाई जाएगी।
घटना के उद्भेदन में एसडीपीओ डुमरांव अफाक अख्तर अंसारी, पुलिस निरीक्षक अंचल डुमरांव श्रीनाथ कुमार, थानाध्यक्ष सोनवर्षा नवीन कुमार, थानाध्यक्ष मुरार अमन कुमार, थानाध्यक्ष नवानगर नंदू कुमार, थानाध्यक्ष वासुदेवा मधुबाला भारती के सशत्र बल बासुदेवा थाना और डीआईयू टीम शामिल रही।

