नगर परिषद उप सभापति इशरत बानो ने कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपा इस्तीफा
जनता का कोई कार्य करवाने में हम खरा नहीं उतर पा रहे है, भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ मैंने दिया इस्तीफा : इशरत बानो




न्यूज़ विज़न। बक्सर
पूर्व निर्धारित घोषणा के तहत गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय पहुंच उप मुख्य पार्षद इशरत बानो ने प्रशिक्षु आईएस सह प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी प्रतीक्षा सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा, इसके पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी से कहा की पिछले दो वर्षों में लगातार हमने जनता के मुद्दों को उठाया लेकिन कोई सुनता नहीं है जिसको लेकर हमने त्याग पत्र देने का फैसला लिया है।






इस्तीफा देने के बाद नगर परिषद के उप चेयरमैन इशरत बानो ने कहा कि नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर हमने हर जगह गुहार लगाई, नगर क्षेत्र की कई सड़के बनने के महज कुछ माह में ही टूट गयी जिसपर हमारे द्वारा शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं हुआ इसके अलावा हर जगह कमीशन का ही खेल चल रहा है। जनता का कोई कार्य करवाने में हम खरा नहीं उतर पा रहे है क्योकि यहाँ सिर्फ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पूर्व में की गई घोषणा को लेकर नगर में विभिन्न प्रकार के चर्चा लोगों में कायम था। जिस पर विराम लग गया। इशरत बानो के इस्तीफा की सूचना मिलते ही बिहार प्रदेश उपसभापति संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह मनेर नगर परिषद उप सभापति शंकर यादव पहुंच उन्हें फिलहाल इस्तीफा नहीं देने को लेकर काफी समझाया। इसके बाद भी इशरत बानो ने अपनी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इस्तीफा के प्रति अधिग्रही और संघ के प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति में नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी को अपना इस्तीफा गुरुवार को सौंप दिया।


इस दौरान अपने कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए इशरत बानो ने कहा कि उपचेयरमैन पद पर चुनाव के लिए बक्सर नगर परिषद की पूरी जनता के प्रति पूरी श्रद्धा और निष्ठा से आभार प्रकट करती हूँ। बक्सर की जनता के लिए मैं भावुक हूं। हमने आपके विश्वास को बनाये रखने के लिए किसी भी चीज से कभी भी समझौता नहीं किया और अपना शत प्रतिशत उचित प्रयास किया। अब ऊपर से लेकर नीचे तक सिस्टम ही वैसा है कि हम जैसे लोग घुटन महसूस करने लगे। भ्रष्टाचार संबंधित कई मामलों के लिए सदन से आला अधिकारियों समेत बिहार सरकार को लगातार पत्राचार किया गया। जांच की मांग की गई, लेकिन हम लोगों को सिर्फ और सिर्फ निराशा हाथ लगी। पुख्ता सबूत के बाद भी हर बार मामले को दबाया गया। ऊपर से लेकर नीचे तक कि इस व्यवस्था में अधिकतर सब एक जैसे ही लगे, जिससे मुझे बहुत निराशा हुई।
अंत में अपने परिवार, अपने सहयोगियों, अपने समर्थकों और खास तौर पर अपने टीम प्रबंधन का शुक्रगुजार हूं, कि आपने मेरी लड़ाई को अपनी लड़ाई समझा। आपने मेरे हर सही फैसले का पूरी ऊर्जा के साथ समर्थन किया। आप सबने मुझे लगातार लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। आप सब की बदौलत आज मैं जीता हुआ महसूस कर रही हूं। पुनः आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं।

