सीमा की रक्षा करते शहीद हुए बक्सर के लाल सुनील सिंह
9 मई को पाकिस्तानी ड्रोन हमले में घायल हुए थे सुनील सिंह, 6 जून को वीरगति प्राप्त हुए




न्यूज़ विज़न। बक्सर
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पहलगांव की दर्दनाक घटना के बाद सीमा पर जारी संघर्ष विराम से पहले हुए एक पाकिस्तानी ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हुए बक्सर जिले के चौसा नगर पंचायत अंतर्गत नरबतपुर गांव निवासी वीर जवान सुनील सिंह ने आखिरकार गुरुवार की शाम उधमपुर स्थित सेना अस्पताल में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली और देश की रक्षा में अमर हो गए। आज शाम उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा, जहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जैसे ही शहादत की खबर गांव पहुंची, हर आंख नम हो गई। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है और गांव का माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया है।







राजौरी सेक्टर में तैनात थे सुनील
शहीद सुनील सिंह “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में तैनात थे। 9 मई की रात दुश्मन देश की ओर से हुए एक ड्रोन हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तत्काल उधमपुर एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने 6 जून को वीरगति प्राप्त की। सुनील सिंह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन उनका बलिदान असाधारण है। उनके पिता जनार्दन सिंह, माता पौदारो देवी (सेवानिवृत्त शिक्षिका), पत्नी और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 15 और छोटा 12 वर्ष का है। उनका छोटा भाई चंदन सिंह भी भारतीय सेना में कार्यरत है और संयोग से उसी समय राजौरी में तैनात था।

गांव में शोक के साथ अपने लाल पर गर्व भी
शहीद की खबर मिलते ही नरबतपुर सहित पूरे चौसा क्षेत्र में शोक की लहर है। लेकिन इसी शोक के बीच गर्व का एहसास भी है कि इस मिट्टी ने ऐसा सपूत जन्मा, जिसने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। गांव के लोग, जनप्रतिनिधि, स्थानीय प्रशासन और बड़ी संख्या में आम नागरिक अंतिम विदाई में शामिल होंगे। आज जब तिरंगे में लिपटा सुनील सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा, तो हर दिल उनके सम्मान में झुका होगा और हर आंख से आंसू बहेंगे। नरबतपुर गांव आज अपने लाल को विदा करेगा, गर्व से, श्रद्धा से, और नम आंखों से।
वीर सपूत सुनील सिंह अमर रहें। जय हिंद।

